नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने कल दस्तक दे दी है. देश में इस नए स्ट्रेन के अबतक सात मामले सामने आ चुके हैं. इस स्ट्रेन से निपटने के लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच सबके मन में सवाल है कि क्या कोरोना के इस नए स्ट्रेन के खिलाफ वैक्सीन कारगर साबित होंगी? अब केंद्र सरकार ने इस सवाल पर बड़ा बयान दिया है.
नए स्ट्रेन के खिलाफ भी काम करेगा टीका- सरकार
केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना का टीका वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी काम करेगा और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका से आए सार्स-सीओवी-2 के नए स्ट्रेन से सुरक्षा में नाकाम रहेगा. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि अब तक यह नहीं पाया गया है कि नया स्वरूप बीमारी की गंभीरता को बढ़ा देता है. उन्होंने कहा, “ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि मौजूदा टीका ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ नाकाम रहेगा. टीका हमारे प्रतिरोधी तंत्र को व्यापक सुरक्षात्मक एंटीबॉडी तैयार करने के लिये उत्प्रेरित करते हैं. नए स्वरूप में इतना बदलाव नहीं हुआ है कि टीका निष्प्रभावी हो जाए.”
नए स्वरूप को लेकर चिंताएं हैं- सरकार
राघवन ने कहा, “अगर आप सार्स-सीओवी-2 की सतह को देखेंगे तो ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में मिले स्वरूपों में स्पाइक प्रोटीनों में बदलाव है. ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप में 17 बदलाव हैं, जिनमें से आठ बेहद महत्वपूर्ण हैं. यह आठ स्पाइक प्रोटीन को बदलते हैं.” विषाणु मानव कोशिका में ‘रिसेप्टर’ के जरिये प्रवेश करता है. उन्होंने कहा कि एन501वाई मानव कोशिका में विषाणु के प्रवेश के लिये एसीई2 रिसेप्टर से नजदीकी बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि वायरस के नए स्वरूप को लेकर चिंताएं हैं. ब्रिटेन के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्टूबर में वहां मामले कम थे लेकिन कोरोना वायरस का नया स्वरूप कुल संक्रमण के 80 प्रतिशत मामलों में है.
राघवन ने कहा, “यह बेहद तेजी से फैल रहा है और दूसरे सभी स्वरूपों पर हावी होता जा रहा है. यह ब्रिटेन में बड़ी संख्या में संक्रमितों में परिलक्षित हो रहा है. ब्रिटेन में संक्रमितों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है लेकिन इस स्वरूप के संक्रमण के मामलों में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है.” उन्होंने कहा कि यह वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे प्रसार बढ़ता है. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि इस बात के कोई साक्ष्य अब तक नहीं हैं कि यह बीमारी की गंभीरता को बढ़ाता है लेकिन इससे क्योंकि प्रसार बढ़ता है इसलिये मामलों में भी बढ़ोतरी होगी और गंभीर रोगी भी बढ़ेंगे.
देश में लगातार घट रहे हैं कोरोना के मामले
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों और इससे जान गंवाने वालों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, जो दुनियाभर की स्थिति को देखते हुए आश्वस्त करती है. पॉल ने कहा, “हम कोविड-19 के नए मामलों, उपचाराधीन मरीजों और मौतों को लेकर लगातार गिरावट देख रहे हैं, जो काफी आश्वस्त करने वाला है. यह इस वक्त खास तौर पर महत्वपूर्ण है, जब कुछ राष्ट्र लगातार विनाशकारी स्थिति का सामना कर रहे हैं.” पॉल ने कहा कि सर्दी के मौसम में अधिसंख्य आबादी के लिये यह बीमारी अब भी चुनौती है. उन्होंने कहा, “वायरस का ब्रिटिश स्वरूप भारत समेत कई देशों में पहुंच चुका है, इस स्वरूप का अपना दौर हो सकता है और हमें बेहद सावधान रहना होगा.”
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