मुंबई: मुंबई के शताब्दी अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही से कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ की जान चली गई. अस्पताल से कल 80 साल के कोरोना पॉजिटिव मरीज़ के लापता होने के बाद उस मरीज़ का शव बोरिवली रेलवे स्टेशन के पास सोमवार मिला जिसके बाद सवाल ये है कि इस कोरोना पॉज़िटिव पेशंट को बाहर जाने से क्यों नहीं रोका गया. सुरक्षा रक्षक क्या कर रहे थे. कौन है उनकी मौत का ज़िम्मेदार..


जिस अस्पताल में मरीज़ बीमारी से ठीक होने जाता है वहीं अस्पताल अगर उसकी मौत की वजह बने तो उसकी मौत के लिए बीमारी नहीं प्रशासन की नाकामी है. 80 साल के विट्ठल मुले की तबीयत बीते शुक्रवार को बिगड़ी, शनिवार को उन्हें शताब्दी अस्पताल में भर्ती कराया गया और रविवार को उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई. प्रवीण मुले, विट्ठल के पोते का कहना है कि ‘तब से ही उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं थी. अस्पताल में मौजूद अन्य मरीज़ों के हालात को देखकर वो घबरा गए थे और इसी डर ने उनकी जान ले ली.’


सवाल ये उठता है कि कोविड वॉर्ड जहां 24 घंटे बीएमसी के सुरक्षाकर्मी की मौजूदगी होती है वहां से एक कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ बाहर कैसे जाता है. लापता होने के 24 घंटे बाद उस व्यक्ति का शव मिलता है लेकिन पुलिस प्रशासन उसे ढूंढ नहीं पाता. अस्पताल में ना सीसीटीवी कैमरा है जिसकी वजह से विट्ठल मुले कहां गए और कब गए ये तक पता नहीं चला.


विपक्ष ने इस विषय को लेकर सरकार को घेरा. बीजेपी के नेता राम कदम ने आरोप लगाया कि ‘अस्पताल में मरीज़ों के बग़ल में रखे शवों को देखकर ही दूसरे मरीज़ मानसिक रुप से लड़ाई हार जाते हैं. अस्पताल की व्यवस्था देखकर मरीज़ की हालात और ख़राब होती है. विट्ठल मुले के साथ भी ऐसा हुआ और वो अस्पताल से बाहर निकल गए. उनकी मौत के लिए प्रशासन और सरकार ज़िम्मेदार है.’


मामला बढ़ता देख मुंबई की मेयर ने जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही अस्पताल में सीसीटीवी फ़ुटेज भी लगाने के आदेश दिए हैं. मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि ‘जो अस्पताल से निकलकर मरीजों की मौत हो रही है चैनल से ही पता चला है मैं उसकी जानकारी लूंगी जो रूल है उस से कार्रवाई करेंगे’


मुंबई में लगातार कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है. मुंबई ने तो चीन के जिस वुहान प्रांत में कोरोना की शुरुआत हुई उसे भी पीछे छोड़ दिया है. लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, अस्पताल से मरीज़ और शवगृह से मरीज़ों की लाशें भी ग़ायब हो रही है. यही स्थिति रही तो बहुत जल्द मुंबई में संक्रमण का आंकड़ा लाखों में होगा.


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