भारत को कोरोना के खिलाफ मिला चौथा टीका, मॉडर्ना की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को DCGI की मंजूरी
मोडर्ना कि एमआरएनए वैक्सीन का भारत आने का रास्ता साफ हो गया है. वहीं इसके लिए जो इंडेमणिडटी की बात है उसपर भी जल्द सरकार फैसला करेगी.
नई दिल्लीः भारत को कोरोना के खिलाफ मिली चौथी वैक्सीन, कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक के बाद अब मोडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. भारत मे ं इस वैक्सीन के जल्द भारत मे मिलने की उम्मीद है. ये भारत की पहली विदेशी वैक्सीन होगी जिसे भारत मे इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. मंगलवार को भारत के ड्रग कंट्रोलर डीसीजीआई ने सिप्ला कंपनी को देश मे मोडर्ना की कोरोना वैक्सीन के आयात और मार्केटिंग की मंजूरी दे दी है.
इसके साथ ही भारत को पहली विदेशी कोरोना वैक्सीन मिली है. विदेशी इसलिए क्योंकि इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल भारत मे नहीं हुआ है. जैसे बाकी तीन वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक का हुआ है. स्पुतनिक भी रूस की वैक्सीन है लेकिन उसका ट्रायल भारत मे हुआ है जिसके बाद इसे भारत में मंजूरी मिली है. इसी साल अप्रैल में सरकार ने फैसला किया था कि यूएस, यूके, जापान, यूरोपियन यूनियन या WHO द्वारा जिस किसी वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है वो भारत मे अप्लाई कर दी जा सकती है. वहीं इसके लिए उन्हें पहले की तरह क्लीनिकल ट्रायल नहीं करने होंगे.
इस वैक्सीन को स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक माइनस 25 से माइनस 15 डिग्री सात महीने तक रखा जा सकता है. वही 2 से 8 डिग्री में इस वैक्सीन को एक महीने तक रखा जा सकता है. इसकी दो डोज है जोकि 4 हफ़्तों में दी जाती है. फिलहाल ये वैक्सीन आयात होगी लेकिन सरकार को उम्मीद है की जल्द ये भारत मे बनेगी जैसे स्पूतनिक.
फिलहाल देश में कोरोना वायरस के खिलाफ तीन वैक्सीन है कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक जो कोरोना टीकाकरण में इस्तेमाल की जा रही है. देश मे अब तक 33 करोड़ 79 लाख से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक भारत में अब तक 33,25,81,423 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है. अब तक 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 8,99,01,981 लोगों पहली डोज दी जा चुकी है और 20,81,948 लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था. कोरोना टीकाकरण के अगले चरण की शुरुआत 1 मार्च से शुरू हुआ था जिसमे 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है उनका टीकाकरण शुरू हुआ था. वहीं 1 अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को टीकाकरण शुरू किया गया था. 1 मई से 18 से 44 साल के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ था. जबकि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मुफ्त टीकाकरण की शुरुआत शुरू हुआ था.
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