Corona Second Wave: देशव्यापी लॉकडाउन को अब एक साल पूरा हो रहा है. आज से ठीक एक साल पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान किया था तब देश में संक्रमण के कुल 417 केस थे. उस समय संक्रमण के रोजाना 50 से 100 मामले दर्ज हो रहे थे. लेकिन वर्तमान स्थिति बेहद खतरनाक है. अब हर दिन करीब 47 हजार केस सामने आ रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फरवरी 2021 के मुकाबले मार्च 2021 में संक्रमण के मामले पांच गुना रफ्तार से बढ़ रहे हैं. जो आंकड़े सामने आए हैं, वह बेहद चौंकाने वाले हैं.
पहले जानिए पिछले एक हफ्ते का लेखा जोखा-
- 23 मार्च- 40715 मामले, 199 मौत
- 22 मार्च- 46951 मामले, 212 मौत
- 21 मार्च- 43846 मामले, 197 मौत
- 20 मार्च- 40953 मामले, 188 मौत
- 19 मार्च- 39726 मामले, 154 मौत
- 18 मार्च– 35871 मामले, 172 मौत
- 17 मार्च– 28903 मामले, 188 मौत
Coronavirus: मामले घटे लेकिन पिछले 24 घंटों में 40 हजार 715 नए मामले दर्ज, 199 लोगों की मौत
मार्च में टूटने लगा रिकॉर्ड
पिछले एक हफ्ते के आंकड़ों के मुताबिक, देश में दो लाख 76 हजार 965 नए केस दर्ज हुए हैं. वहीं, एक हजार 310 लोगों की मौत हुई है. जबकि फरवरी में एक फरवरी को देश में कुल 8635 मामले दर्ज हुए थे. इसके बाद 16 फरवरी तक मामले 12 हजार के आस पास हुए. लेकिन 17 फरवरी के बाद नए मामलों में तेजी दर्ज होने लगी और मामले 12 हजार के पार जाने लगे. 28 फरवरी तक भी देश में हर दिन 15 हजार के आसपास मामले दर्ज हो रहे थे. लेकिन मार्च में रिकॉर्ड टूटने लगा.
क्यों खतरनाक है संक्रमण की दूसरी लहर?
पिछले साल मार्च की 23 तारीख तक देश में कोरोना के मामले करीब 450 थे. तब देश ने लॉकडाउन देखा. अब हर दिन 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और अबतक एक लाख 60 हजार 166 लोगों की मौत हो चुकी है. अगर कोरोना के मामले इसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो दूसरी लहर बेहद खतरनाक साबित होगी. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि लोग अब कोरोना की अनेदेखी करने लगे हैं और लापरवाही बरत रहे हैं. बाजारों में भीड़ दिख रही है और भीड़ में ज्यादातर लोग बिना मास्क दिख रहे हैं. दूसरी लहर की एक वजह देश में कोरोना टीकाकरण का धीमा होना भी है.
जिन देशों ने तेज किया टीकाकरण, वहां घटने लगे मामले
- ब्रिटेन में लगभग 2.8 करोड़ लोगों को अब तक कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है. 15 अप्रैल तक ब्रिटेन में सभी नौ प्राथमिकता वाले समूहों को वैक्सीन दिए जाने का लक्ष्य बनाया गया है, जिनमें 50 साल की उम्र से अधिक आयु वाले लोग भी शामिल हैं.
- बड़ी बात यह है कि ब्रिटेन में कोरोना से संबंधित 17 अन्य मौतें दर्ज हुई हैं, जो पिछले साल सितंबर के बाद से दैनिक मौतों की अब तक की सबसे कम संख्या है.
- दुनिया के सबसे शक्तिशादी देश अमेरिका में कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर ढाया. लेकिन यहां मामले अब पहले की तुलना में कम आ रहे हैं.
- यहां अबतक 12.7 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं. यहां रोजाना औसतन 25 लाख डोज दी जा रही हैं.
- इज़राइल में भी कुल जनसंख्या के 60 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगा दी गई है. यहां भी मामले घट रहे हैं.
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