कोरोना ने छीना कोटा से कचौरी का स्वाद, लॉकडाउन में रियायत के बाद भी व्यापार अब भी धीमा
देश में लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है. इसका सीधा असर शिक्षा नगरी कोटा के स्वाद पर भी पड़ा है. कोरोना ने कोटा कचौरी का स्वाद बिगाड़ दिया है.
जयपुरः कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है. लॉकडाउन किए जाने से देशभर में हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है तो इसका सीधा असर शिक्षा नगरी कोटा के स्वाद पर भी पड़ा है. कोरोना ने कोटा कचौरी का स्वाद बिगाड़ दिया है. हालांकि लॉकडाउन 4 में मिली रियायत से कोटा की कचौरी का स्वाद एक बार फिर लोगों को मिलने वाला है. लेकिन कोरोना के खौफ से कोटा कचौरी का व्यापार अभी भी धीमा हो गया है.
कोटा को पढ़ाई के साथ साथ यहां की चटपटी कचौरियों के लिए जाना जाता रहा है. लॉकडाउन के बीच जब सब बंद हुआ तो कचौरी का टेस्ट भी अब कहीं खो सा गया है. लॉकडाउन-4 में मिली रियायतों में कचौरी की दुकानों को खोलने की इजाज़त मिल गई है. इसके साथ ही साथ दुकान पर खाने की मनाही है.
कचौरी को पैकिंग कर दिया जा रहा है. अब जब कचौरी वापस लौटी है तो कचौरी पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ नज़र आ रहा है. कचौरी का टेस्ट कहीं गुम हो गया है. हज़ार से ज़्यादा छोटी बड़ी कचौरी शॉप कोटा में हैं. लाखों कचोरियां हर रोज़ बिकती हैं, लेकिन अब ये कारोबार 70 फ़ीसदी तक घट कर महज़ 30 फ़ीसदी में सिमट गया है.
कोटा का यह व्यवसाय कोरोना की वजह से प्रभावित हो रहा है. ऐसे में कोटा कचोरी का स्वाद भी कमज़ोर हो गया है. देखना ये होगा कि दुबारा ये स्वाद लोगों को लुभा पाता है या नहीं.
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