नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना से लड़ाई लड़ने वालों में फ्रंट फाइटर्स की श्रेणी में आने वाली दिल्ली पुलिस अब खुद इसके संक्रमण का शिकार बनती जा रही है. यही वजह है कि अब दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भी अपने सभी कर्मचारियों को हिदायत दी है कि खुद को बचाते हुए इस बीमारी से लड़ाई लड़नी है.
आलम यह है कि दिल्ली पुलिस के पश्चिमी जिले के कंट्रोल रूम को 5 दिनों के लिए बंद करना पड़ रहा है. वजह है कंट्रोल रूम में काम करने वाले पुलिसकर्मियों में से 7 का कोविड 19 पॉजिटिव पाया जाना. डीसीपी वेस्ट दीपक पुरोहित का कहना है की फिलहाल मोबाइल कंट्रोल रूम की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.
ऐसे फैला संक्रमण
पुलिस सूत्रों के अनुसार वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के अडिशनल डीसीपी ऑफिस में तैनात एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जब तक उसके पॉजिटिव होने की जानकारी हो पाती या उसे खुद को यह आभास हो पाता, उससे पहले वह एक फाइल के सिलसिले में कंट्रोल रूम में भी गया था. संभावना है कि उसी के चलते कंट्रोल रूम के कुछ कर्मचारी इस संक्रमण का शिकार हुए और धीरे-धीरे वहां तैनात कर्मचारियों में से अधिकतर कर्मचारी संक्रमित हो गए.
आज रात 8 बजे से पांच दिनों के लिए बन्द हुआ कंट्रोल रूम
वेस्ट डिस्ट्रिक्ट से कंट्रोल रूम को आज रात 8 बजे से बंद कर दिया गया है. कंट्रोल रूम के साथ साथ रेडियो वर्कशॉप रेडियो स्टेशन, एपीबीएएक्स को भी बन्द किया गया है. इतना ही नहीं जितने भी कर्मचारी इस कंट्रोल रूम में तैनात थे, उन सभी को 5 दिनों के लिए आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है. उन्हें होम क्वारंटाइन में रहने के लिये कहा गया है. साथ ही इस कंट्रोल रूम को सैनिटाइज कराने का काम शुरू कर दिया गया है.
अब मोबाइल कंट्रोल रूम से चलेगा जिले का काम
वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के कंट्रोल रूम के बंद होने के चलते वहां पर अब मोबाइल कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है. इसके लिए शालीमार बाग में स्थित डीसीपी कम्युनिकेशन ने मोबाइल कंट्रोल रूम के स्टाफ को तैनात किया है. साथ ही स्टाफ के सैनिटाइजेशन की जिम्मेदारी वेस्ट डिस्ट्रिक्ट को सौंपी गई है.
किसी भी जिले की लाइफ लाइन होता है कंट्रोल रूम
दिल्ली पुलिस हो या फिर देश की कोई भी पुलिस सबकी लाइफलाइन कंट्रोल होता है. पीसीआर मतलब पुलिस कंट्रोल रूम, जो कि एक सेंट्रल कंट्रोल रूम होता है. जब कभी कोई पीसीआर कॉल करता है, तो सबसे पहले कॉल सेंट्रल कंट्रोल रूम में जाती है जिसके बाद जिस भी जिले से संबंधित कॉल होती है, उस कॉल को वहां के कंट्रोल रूम के पास लिखवाया जाता है. जहां से डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम संबंधित थाना को सूचित करता है. इसके अलावा जिले के डीसीपी के माध्यम से जो भी मैसेज स्टाफ को देना होता है, वह सब भी जिला कंट्रोल रूम से संचारित किया जाता है. इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट की जितनी भी इकाई, थाना आदि के बीच में जो भी आधिकारिक कम्युनिकेशन होता है, वह सब भी डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम के माध्यम से ही किया जाता है.
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