महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोरोना ब्लास्ट के चलते हालात बेकाबू हो चुके हैं. शहर में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 81,000 से ज्यादा हो चुकी है. हालत ये है कि अब शहर में नए संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी पड़ने लगी है. मंगलवार सुबह तो पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए वेंटिलेटर की सुविधा युक्त एक भी बिस्तर उपलब्ध नहीं था.
जल्द ही 1 लाख का आंकडा पार कर सकती है एक्टिव प्रकरणों की संख्या
पिछले साल सितंबर माह में पुणे में करीब 82,000 एक्टिव मरीज दर्ज किए गए थे. ये महामारी के शुरूआत से लेकर अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. चिंताजनक बात ये है कि कोरोना कि इस दूसरी लहर में 6 अप्रैल को शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 81,000 के पार जा पहुंची है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुणे में सक्रिय मरीजों का आंकडा जल्द ही अब तक के उच्चतम तक पहुंच सकता है. शहर में जिस प्रकार नए संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, सक्रिय मरीजों का आंकडा 1 लाख को भी पार कर सकता है.
दिल्ली और मुंबई के बाद पुणे में हुई हैं सबसे ज्यादा मौतें
सोमवार को जिले में 8211 नए मरीज सामने आए हैं. रविवार को मिले 12,000 नए मरीजों की तुलना में ये संख्या कुछ कम दिखाई देती है. दरअसल, रविवार को अन्य दिनों की तुलना में जांच काफी कम की जाती है, लिहाजा सोमवार को जब इस मरीजों की रिपोर्ट आती है तो ये आंकडा कम होता है. इसे शहर में बीमारी से नियंत्रण से जोड़कर नहीं देखा जा सका. सोमवार को पुणे में कोरोना के कारण 55 लोगों की मौत भी दर्ज की गई. इसके साथ शहर में कोरोना से हुई मौतों का कुल आंकडा 10,282 हो गया. दिल्ली और मुंबई के बाद पुणे देश का तीसरा ऐसा शहर है, जहां कोरोना की वजह से सर्वाधिक मौतें हुई हैं.
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