नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड और पंजाब समेत कई राज्यों ने टीके की कमी की शिकायत की है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आज कहा कि नेता अधिक ऊर्जा योजनाएं बनाने में लगाएं, न कि दहशत फैलाने में. उन्होंने कहा कि नेताओं को महामारी के बीच "राजनीति करने की बेशर्म ललक" से बचना चाहिए.


डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, “सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को लेकर मुझे विभिन्न नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयान दिखाई दे रहे हैं. कुछ तथ्य बता रहा हूं ताकि जनता इन नेताओं के इरादे भांप सके. भारत सरकार द्वारा 75 प्रतिशत टीके मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने के बाद, टीकाकरण ने रफ्तार पकड़ी और जून में 11.50 करोड़ खुराकें लगाई गईं.”


उन्होंने कहा कि अगर राज्यों में समस्याएं हैं, तो यह दर्शाता है कि उन्हें अपने टीकाकरण अभियान की योजना बेहतर तरीके से बनाने की जरूरत है. मंत्री ने अन्य ट्वीट में कहा, “ अगर ये नेता इन तथ्यों से अवगत हैं और फिर भी ऐसे बयान देते हैं तो मैं इसे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं. अगर उन्हें यह जानकारी नहीं है, तो उन्हें शासन पर ध्यान देना चाहिए. फिर से इन नेताओं से आग्रह करूंगा कि वे योजना बनाने में अधिक ऊर्जा लगाएं, न कि दहशत फैलाने में.”






बता दें कि बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमें पर्याप्त संख्या में टीके नहीं दिए जा रहे हैं. जबकि अन्य राज्यों को कम से कम तीन करोड़ खुराक मिली है, हमें एक करोड़ कम मिली है. अगर हमें एक करोड़ और खुराक मिलती, तो हम एक करोड़ अतिरिक्त आबादी को टीका लगा सकते थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र विभिन्न राज्यों को टीके उपलब्ध करा रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल को वंचित कर रहा है. हमारा भी एक राज्य है.’’ 


वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केन्द्र सरकार योजनाबद्ध रूप से प्रदेश को जरूरत के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करे. राजस्थान में वैक्सीनेशन को अभियान के रूप में लेते हुए लोगों को पहली डोज लगाई गई. इन लोगों को दूसरी डोज भी समय पर लग सके, इसके लिए वैक्सीन की समुचित उपलब्धता जरूरी है.


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