राज की बातः मकर संक्रांति से सूर्य ने दिशा बदली. इसी के साथ अब देश-दुनिया की दशा भी बदलने के संकेत हैं. पिछले एक वर्ष से पूरी दुनिया को अस्त-व्यस्त करने वाले कोरोना का काल वैक्सीन अब लोगों को लग रही है. हिंदुस्तान में सबसे व्यापक स्तर पर कोरोना का टीका लगाने का अभियान शुरू हो चुका है. जिस स्तर पर भारत में तैयारियां हुई हैं, उससे जल्द से जल्द लोगों तक टीका पहुंचेगा. साथ ही इस अभियान के साथ भारत दुनिया भर में एक ऐसा रिकार्ड दर्ज कराने जा रहा है, जिसे देखकर दुनिया भी दंग होगी.


टीकाकरण अभियान में कोई सियासत नहीं


राज की बात में आज इस रिकार्ड की और साथ ही टीकाकरण अभियान के साथ बीजेपी की जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारियों की भी. हालांकि, यह स्पष्ट करना जरूरी है कि टीकाकरण अभियान में कोई सियासत नहीं है, लेकिन इस दौरान बीजेपी लोगों का विश्वास जीतने के साथ ही खुद की जमीनी हैसियत आंक कर अपनी अगली तैयारियों को बल भी देगी. हालांकि, बीजेपी यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इस अभियान में कोई भी सियासत का अंश न देख सके, इसलिए अपनी मजबूती की तैयारियों का वह आकलन करेगी. किसी भी तरह के प्रचार या श्रेय लेने से पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दो टूक मना कर दिया गया है.


'...तब 50 फीसद आबादी को लग चुका होगा टीका'


राज की बात में हमने पहले ही आपको बताया था कि जनवरी से शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण अभियान के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं. साथ ही 15 अगस्त को जब वे लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे तो करीब 50 फीसद आबादी को टीका लग चुका होगा. अब उससे आगे राज की बात ये है कि अगले चार माह में कोरोना टीकाकण अभियान में भारत वो मुकाम हासिल करने की तैयारी में जिसे गिनीज आफ द वर्ल्ड बुक रिकार्ड में दर्ज करने की तैयारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कर ली है.


'गिनीज वर्ल्ड बुक रिकार्ड में दर्ज होगा नाम'


वैसे तो 31 जुलाई तक केंद्र सरकार ने 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है. मगर राज की बात ये है कि इस लक्ष्य को चार माह में ही हासिल कर लेने का अनुमान सरकार के नीतिनियंताओं ने लगाया है. यानी चार माह में 30 करोड़ लोगों को टीका लगेगा. जाहिर है कि इस स्तर पर दुनिया के किसी भी मुल्क में टीकाकरण अभियान नहीं चलने वाला. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक माह से दुनिया के 50 देशों में टीकाकरण अभियान चल रहा है, जिसमें यह आंकड़ा तीन करोड़ तक भी नहीं पहुंच पाया है. जाहिर है कि ऐसी स्थिति में अगर भारत पांच माह में भी 30 करोड़ टीके लगाता है तो दुनिया में उसकी कहीं भी तुलना नहीं हो सकती. ऐसे में गिनीज आफ द वर्ल्ड बुक रिकार्ड में भारत का नाम सबसे तेजी से सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का नाम दर्ज होगा.


'बीजेपी भी इस अभियान को पूरा करने के लिए शिद्दत से जुटेगा'


ये तो एक बात रही, लेकिन दूसरी राज की बात है कि सरकार के साथ-साथ बीजेपी संगठन भी इस अभियान को पूरा करने के लिए शिद्दत से जुटेगा. इसके तहत हर मंडल में 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों का पार्टी आंकड़ा इकट्ठा करेगी. इसके बाद जिन लोगों को जरूरत है उन्हें वैक्सीन सेंटर तक ले जाने में भी पार्टी कार्यकर्ता जुटेंगे. इससे पार्टी के पास आंकड़ा भी होगा और जाहिर तौर पर वोटरों के दिलों में जगह भी बनेगी. कोरोना का टीका कितना महत्वपूर्ण है यह इसी बात से समझा जा सकता है कि बिहार चुनाव के दौरान मुफ्त में टीकाकरण का ऐलान भी पार्टी ने किया था.


'भ्रांतियों की काट में जुट गई है सरकार'


एक और राज की बात ये है कि टीकाकरण को लेकर जो तमाम भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, उसकी काट के लिए भी समानांतर तौर पर सरकार के कर्ताधर्ता लगे हुए हैं. तमाम धर्मगुरुओं और चर्चित हस्तियों से तो बात कराई ही जा रही है. इसके साथ ही तमाम लोगों को टीके से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों की भी चर्चा है. इन सब सवालों का जवाब सरकार अपने तंत्र से दे भी रही है. राज की बात इसके आगे की है कि चिकित्सा जगत से जुड़ी 25 हस्तियों को भी सरकार आगे कर रही है, इन सवालों का जवाब देने और भ्रांतियों को दूर करने में. एम्स के पूर्व निदेशक, देश के नामी-गिरानी डाक्टर जो रिटायर हो चुके हैं और जनता भी जिनको ठीक से जानती है. ऐसे 25 लोगों की सूची बनाई है जो आने वाले दिनों में टीवी पर चर्चा के दौरान सरकार की तरफ से नाम भेजे जाएंगे कि इस मसले से जुड़े सवालों का जवाब दे सकें.