Covid-19 Vaccination: 15 साल से ऊपर के बच्चों को कब से लगेगी वैक्सीन, किन लोगों को दी जाएगी बूस्टर डोज? यहां जानें हर सवाल का जवाब
Corona Vaccination: पीएम मोदी ने कहा कि नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके और कोविड के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका भी जल्द ही भारत में शुरू होगा.
PM Modi On Booster Dose: ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे और कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच पीएम मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि अगले साल 3 जनवरी से 15-18 साल की आयु के बीच के किशोरों के लिये वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 10 जनवरी से स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को चिकित्सकों की सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी. हालांकि उन्होंने ‘‘बूस्टर डोज’’ का जिक्र ना करते हुए, इसे ‘‘प्रिकॉशन डोज’’ (एहतियाती खुराक) का नाम दिया.
जल्द शुरू होगा डीएनए आधारित टीका
प्रधानमंत्री ने कहा कि नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके और कोविड के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका भी जल्द ही भारत में शुरू होगा. प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणाएं की. पीएम मोदी ने क्रिसमस और नए साल के आगमन की तैयारियों के बीच देशवासियों से किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने और कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से सतर्क रहने की गुजारिश की. प्रधानमंत्री ने यह रेखांकित किया कि वह क्रिसमस के अवसर पर देश के लोगों के साथ महत्वपूर्ण निर्णय साझा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘15 साल से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं अब उनके लिए देश में टीकाकरण आरंभ होगा. वर्ष 2022 में तीन जनवरी को इसकी शुरुआत की जाएगी.’’
स्कूल जा रहे बच्चों के माता-पिता की चिंता होगी कम
उन्होंने कहा कि यह फैसला कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल और कॉलेजों में जा रहे बच्चों की और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी ने अनुभव किया है कि इस लड़ाई में देश को सुरक्षित रखने में कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने बहुत बड़ा योगदान दिया है. वे अब भी अपना काफी समय कोरोना वायरस के रोगियों की सेवा में बिताते हैं.’’
पीएम मोदी ने कहा, इसलिए एहतियात की दृष्टि से सरकार ने फैसला किया है कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को 10 जनवरी से टीके की ‘एहतियाती खुराक’ दी जाएगी. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सुरक्षित रखने में उन्होंने बहुत बड़ी भूमिका निभाई. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की, ‘‘60 वर्ष से ऊपर की आयु के अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित नागरिकों के लिये, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की प्रीकॉशन खुराक का विकल्प उनके लिए भी उपलब्ध होगा. ये भी 10 जनवरी से उपलब्ध होगा.’’
ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच बड़ा फैसला
उन्होंने बताया कि कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई शुरू से ही वैज्ञानिक सिद्धांतों, वैज्ञानिक परामर्श और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित रही है और यह सभी निर्णय भी वैज्ञानिकों के अब तक के अनुभवों को देखते हुए लिए गए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी स्थिति व परिस्थिति के अनुसार भारत के वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही टीकाकरण संबंधी व अन्य निर्णय लिए हैं. ओमीक्रोन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी चर्चा जोरों पर चल रही है और विश्व में इसके अनुभव भी अलग-अलग है और अनुमान भी अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिक भी इस पर पूरी बारीकी से नजर रखे हुए हैं और इस पर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 115 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या देश छोड़कर चले गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को सुबह आठ बजे तक दिए आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रोन के सबसे अधिक 108 मामले महाराष्ट्र में सामने आए. इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34 और कर्नाटक में 31 मामले सामने आए.
प्रधानमंत्री ने ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि भय का माहौल ना बनाएं...हां सावधान और सतर्क जरूर रहें. मास्क और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धोना, इन बातों को याद रखें.’’ पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 महीने से देश में जारी वैक्सीनेशन प्रोग्राम के दौरान आज भारत 141 करोड़ टीकों की खुराक के ‘‘अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य’’ को पार कर चुका है और भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को टीकों की दोनों खुराक और वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को एक खुराक दी जा चुकी है.