नई दिल्लीः केंद्र सरकार जल्द ही 50 साल से ज्यादा और 50 साल से कम उम्र के लोग जो जिन्हें गंभीर बीमारी है उन्हें वैक्सीन देने की शुरुआत करने वाली है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जल्द इसकी शुरुआत होगी और इसमें सरकारी हैल्थ फैसिलिटी के साथ साथ प्राइवेट हैल्थ केयर सेक्टर की भी बड़ी भागीदारी होगी. इस चरण में 27 करोड़ लोगो को वैक्सीन लगनी है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सेंटर और सेशन साइट होंगे जिसे कम समय मे ज्यादा लोगो का टीकाकरण हो सके.


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक अभी हैल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्करों के वैक्सीनाशन में भी प्राइवेट सेक्टर शामिल है. हालांकि, इनकी संख्या कम है लेकिन इतनी बड़ी संख्या तक पहुंचने के लिए सरकार ने प्राइवेट हैल्थ केयर सेक्टर को साथ लेने का प्लान किया है ताकि तेज़ी से कोरोना का टीकाकरण हो सके.


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ''10 हज़ार अस्पतालों का उपयोग इन वैक्सीनेशन के लिए किया जा रहा है इनमें से 2 हज़ार अस्पताल प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल हैं. प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों का फोर्स मल्टीप्लायर रोल से केंद्र सरकार अवगत है और उसका इस्तेमाल करती रही है. वैक्सीनेशन में आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि बड़ी संख्या में प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों का उपयोग हम करेंगे वैक्सीनेशन कोई गति को और उसके कवरेज को बढ़ाने के लिए.''


राजेश भूषण ने कहा कि निजी क्षेत्र सरकार के विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को गहरी भूमिका निभा रहा है भारत सरकार की आयुष्मान भारत जो 24 हज़ार अस्पताल देशभर में कैशलैस ट्रीटमेंट देते हैं उनमें से 11 हज़ार निजी क्षेत्र के अस्पताल हैं और यह पिछले 2 साल से इंवॉल्वमेंट है. उसी तरह भारत सरकार की सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम सीजीएचएस पूर्णता निजी क्षेत्र पर आधारित है केवल सीजीएचएस की डिस्पेंसरी छोड़ दे तो तो अधिकांश अस्पताल जो 800 से अधिक है यह सीजीएचएस का भाग है. अभी दो तरह के वैक्सीनेशन हो रहे हैं और जल्द ही तीसरी प्रकार का वैक्सीनेशन पॉपुलेशन प्रायरिटी ग्रुप का होगा, वह शुरू होगा तो जो दो अभी हो रहे हैं वह हैं हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर के और एक दिन में 10 हज़ार अस्पतालों का उपयोग इन वैक्सीनेशन के लिए किया जा रहा है इनमें से 2हज़ार अस्पताल प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल हैं. प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों का फोर्स मल्टीप्लायर रोल से केंद्र सरकार अवगत है और उसका इस्तेमाल करती रही है.


नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर की भूमिका अभी भी है और आगे इसे और ज्यादा बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार आयुष्मान भारत योजना और सीजीएचएस में शामिल सभी प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन में शामिल कर सकती है. यानी साफ है की आनेवाले वक़्त में ना सिर्फ सरकारी अस्पताल में बल्कि बड़ी संख्या में प्राइवेट हैल्थ केयर सेक्टर के अस्पताल भी शामिल होंगे.


भारत में अब तक 1,19,07,392 कोरोना वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है. जिसमे 64,71,047 हैल्थ केयर वर्कर और 41,14,710 फ्रंट लाइन वर्कर हैं जिन्हें पहली डोज़ दी जा चुकी है. जबकि 13,21,635 हैल्थकेयर वर्करों को दूसरी डोज़ लग चुकी है. देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था, वहीं फ्रंट लाइन वर्करों का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था.


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