विदेशों को कोरोना वैक्सीन भेजने की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पिछले 20 दिनों में भेजी सिर्फ 45 लाख डोज
'वैक्सीन मैत्री' कूटनीति के तहत भारत ने 20 जनवरी 2021 से दूसरे देशों को वैक्सीन भेजने की शुरुआत की. इसके तहत पहले पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेजने की शुरुआत की गई.
नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर ने केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा रखी है. आज देशभर में कोरोना के 1.30 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए. इस बीच देश में वैक्सीन लगवाने को लेकर राजनीति गर्मा गई है. खासकर भारत की ओर से दूसरे देशों को दी जा रही वैक्सीन को लेकर विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन को बाहर भेजने पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है.
'वैक्सीन मैत्री' कूटनीति के तहत भारत ने 20 जनवरी 2021 से दूसरे देशों को वैक्सीन भेजने की शुरुआत की. इसके तहत पहले पड़ोसी देशों को वैक्सीन भेजने की शुरुआत की गई. 24 मार्च को लोकसभा में पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बताया था कि 21 मार्च तक भारत ने वैक्सीन की कुल 6 करोड़ खुराक दूसरे देशों को भेजी थी. इनमें 81.5 लाख खुराक अनुदान के तहत, 3.42 करोड़ खुराक व्यवसायिक समझौतों के तहत और 1.77 करोड़ खुराक COVAX व्यवस्था के तहत कुल 76 देशों को भेजी गई. बता दें कि COVAX एक अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था है और भारत उसका सदस्य है. इस नाते वैक्सीन मुहैया करवाना उसकी जिम्मेदारी है.
वैक्सीन भेजने की रफ्तार हुई धीमी
हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 20 दिनों में विदेश भेजे जाने वाले वैक्सीन की रफ्तार काफी धीमी हुई है. विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आज सुबह 10 बजे तक की जानकारी के मुताबिक भारत ने कोरोना वैक्सीन की कुल 6.45 करोड़ खुराक दूसरे देशों को भेजी है. इनमें 1.05 करोड़ खुराक अनुदान के तहत , 3.58 करोड़ खुराक व्यवसायिक समझौतों के तहत और 1.82 करोड़ खुराक COVAX व्यवस्था के तहत कुल 76 देशों को भेजी गई हैं.
इसका मतलब ये हुआ कि पिछले 20 दिनों में 45 लाख खुराक ही बाहर भेजी गई. जिनमें सऊदी अरब, फिलिस्तीन और मालदीव को छोड़कर सभी देशों को या तो अनुदान के तहत या फिर व्यवसायिक अनुबंध के तहत वैक्सीन भेजी गई. जिन देशों को पिछले 20 दिनों में वैक्सीन भेजी गई उनमें नाइजीरिया, नेपाल, बांग्लादेश, यमन, दक्षिण सूडान और नौरू जैसे देश शामिल हैं.
वहीं भारत पर उन देशों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है, जिन देशों को वैक्सीन की पहली खेप मिल गई और दूसरी खेप के लिए भुगतान कर दिया है. दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास ने आधिकारिक ट्वीट कर कहा कि भारत और ईरान के बीच दूसरी खेप को लेकर बात चल रही है.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी की चिट्ठी के बाद BJP ने पूछा- अब तक क्यों नहीं लगवाई कोरोना की वैक्सीन?