नई दिल्ली: देश भर कोरोना के खिलाफ टीकारण अभियान चालू है, 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण में अब तक करीब 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है. टीके की कमी की खबरों के बीच केंद्र और तमाम राज्य सरकारें लोगों को टीका लगवाने और उन्हें जागरुक करने के हर संभव प्रयास कर रही हैं.
इस बीच टीके को लेकर कई बार नियम भी बदल चुके हैं, इससे लोगों में कंफ्यूजन भी बढ़ गई है. सबसे ज्यादा कंफ्यूजन स्तनपान कराने वाली मांओं और गर्भवती महिलाओं को लेकर है. लोग जानना चाहते हैं कि अगर एक महिला अपने शिशु को स्तनपान करवा रही है तो क्या वो वैक्सीन लगवा सकती है.
इसके साथ ही बच्चा डिलीवरी होने के बाद वैक्सीन को लेकर नियमों को लेकर भी कई तरह के कफ्यूजन है. आपके इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हम आपको इससे जुड़े नियम बताने जा रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्तनपान कराने वालों मांओं के टीकाकरण की इजाजत दे दी है. टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की ताजा सिफारिशों के बाद मंत्रालय ने यह निर्णय किया है और इस बारे में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी सूचित कर दिया गया है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने इस पर सफाई देते हुए हा था कि ‘इस तरह की खबरें थीं कि टीका लगवाने वाली माताओं को कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि स्तनपान नहीं रोकना चाहिए और इसे जारी रखना चाहिए.किसी भी हालत में एक घंटे के लिए भी स्तनपान नहीं रोका जाना चाहिए.
वहीं अभी गर्भवती महिलाओं को लेकर टीकाकरण की इजाजत नहीं है लेकिन एक्सपर्ट पैनेल ने कहा है कि प्रसव के बाद टीकाकरण में देरी करने का कोई कारण नहीं है.
जानें टीकाकरण से जुड़े अन्य नियम
- बीमारी से ठीक होने के बाद तीन महीने तक के लिये कोविड—19 रोधी टीकाकरण टाला जा सकता है.
- जिन्हें मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज अथवा कनवेलसेंट प्लाज्मा दिया गया हो, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिये जाने के तीन महीने तक टीकाकरण टाल दिया जाना चाहिये.
- व्यक्तिगत मामलों में, जिन लोगों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है और वह दूसरी खुराक लेने से पहले कोविड संक्रमित हो जाते हैं तो क्लिनिकली संक्रमण मुक्त होने के तीन महीने तक दूसरी खुराक टाल देनी चाहिये.