भारत में कोरोना का टीका लगवाने वालों की संख्या एक करोड़ के करीब पहुंच गई है. अब लोगों के मन से टीके का डर भी गायब होता दिख रहा है. धीरे-धीरे ही सही लेकिन लोग अब कोरोना वैक्सीन को लगवाने के लिए इच्छुक दिखाई दे रहे हैं. लोकल सर्किल के ताजा सर्वे के मुताबिक वैक्सीनेश करवाने के लिए लोगों का रुझान बढ़ने लगा है. हालांकि अभी भी कुछ लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर डर बैठा हुआ है. कुछ लोग ऐसे हैं जो कि डर के कारण कोरोना का टीका नहीं लगवाना चाहते हैं. हालांकि इनकी संख्या बहुत कम है.


50 फीसदी कम हुई लोगों की झिझक


टीका लेने को लेकर जब लोगों से सवाल पूछा गया तो 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह टीका लेने के लिए इच्छुक हैं. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि तीन महीने बाद भी अगर टीका मिलता है तो वह लेने के लिए तैयार हैं. कुछ लोगों ने छह महीने तो कुछ ने कहा कि अगर एक साल बाद भी टीका लागाया जाता है तो वह लगवाएंगे. लोकल सर्किल के सर्वे में 3 प्रतिशत लोगों कहा कि वह टीका नहीं लेना चाहते हैं.

जब टीकाकरण की शुरुआत हुई थी तब 69 प्रतिशत लोग वैक्सीन लेने को लेकर संकोच कर रहे थे. हालांकि, ताजा सर्वे में यह घटकर 62 प्रतिशत तक पहुंच गया है. लागातार जारी टीकाकरण को देखते हुए जनता का भी मूड बदला है और अब 50 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि कोरना का वैक्सीन उन्हें मिले. टीकाकरण की शुरुआत के दौरान यह प्रतिशत मात्र 38 प्रतिशत था.

नेता लेते टीका तो बढ़ता भरोसा


हालांकि सर्वे में एक बात और सामने आया है कि अगर नेता पहले टीका लेते तो लोगों के बीच भरोसा ज्यादा बढ़ता और ज्यादा से ज्यादा लोग इस टीके को लेने के लिए तैयार रहते. कोरोना के टीकाकरण की शुरुआत के दौरान टीके को लेकर भय जरूर था जो कि अब धीरे धीरे गायब होने लगा है.


73 प्रतिशत लोगों ने माना कि अगर नेताओं को टीका पहले दिया जाता तो जनता के बीच भरोसा और बढ़ता. वैक्सीनेश की शुरुआत के समय 69 प्रतिशत लोगों ने माना था कि टीके को लेकर उनके अंदर भय है जो कि अब घटकर 58 प्रतिशत पर पहुंच गया है. वैक्सीनेश की शुरुआत हुई थी तब लोग इसके साइड इफेक्ट को लेकर काफी डरे हुए थे.


हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा था कि कोरोना का टीका लगाने के लिए अभी प्राइवेट हॉस्पिटलों को मंजूरी नहीं दी जाएगी. ऐसे में कुछ कुछ लोग मानते हैं कि वह टीका तभी लगवाएंगे जब प्राइवेट हॉस्पिटलों में इसकी सुविधा शुरू हो जाएगी.


देश के 255 जिलों में हुआ सर्वे


वैक्सीनेश को लेकर 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस टीके को प्राइवेट हॉस्पिटलों को भी दिया जाए जबकि 29 प्रतिशत लोगों ने माना कि वह इसके लिए तीन महीने तक इंतजार कर लेंगे. सात प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्हें छह महीने इंतजार करने में भी कोई दिक्कत नहीं है.


लोगों की हिचकिचाहट को समझने के लिए लोकल सर्किल ने एक सर्वेक्षण किया. लोकल सर्किल यह सर्वेक्षण भारत के 255 जिलों में किया जिसमें 16,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए. इस सर्वे में 68 प्रतिशत पुरुष जबकि 32 प्रतिशत महिलाओं ने भाग लिया. सर्वे में शामिल लोगों ने अलग-अलग सवालों का भी जवाब दिया.


मौजूदा वक्त में भारत में करीब 1 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. टीका लगने के बाद बहुत ही कम लोगों या यूं कहें कि न के बराबर इसका साइड इफेक्ट देखने को मिला है. साइड इफेक्ट में कुछ लोगों को बुखार तो कुछ लोगों को सिरदर्द और जी मिचलाने का मामला सामने आया.

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