भारत को 8 करोड़ वैक्सीन देगा अमेरिका, सरकार ने कहा- हम संपर्क में लेकिन टीके को लेकर अभी जानकारी नहीं
सरकार ने कहा- हमने उन खबरों को देखा है जिसमें अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को कुछ मात्रा में टीके उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बारे में हमारे पास अभी और जानकारी नहीं है.जब महामारी शुरू हुई थी तब भारत ने दुनिया के देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल सहित अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की थी और यहां तक कि रेमडेसिविर दवा भी दी थी.
नई दिल्ली: भारत में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अमेरिका की तरफ से भारत को कोरोना टीके की आठ करोड़ डोज देने की खबर है. हालांकि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अमेरिका से संपर्क में है, लेकिन अभी तक भारत को मिलने वाली डोज़ की जानकारी नहीं है. भारत को आठ में से छह करोड़ वैक्सीन देने की मांग उठ चुकी है.
अन्य देशों से टीके की खरीद के बारे में विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से अमेरिका समेत अन्य देशों से टीके की खरीद के बारे में सवाल पूछा गया था. उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन खबरों को देखा है जिसमें अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को कुछ मात्रा में टीके उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बारे में हमारे पास अभी और जानकारी नहीं है’’.
हालांकि उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी उद्यमों के साथ टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक बार टीके खरीद या उत्पादन के माध्यम से उपलब्ध हो जाते हैं तब इससे देश में टीके की उपलब्धता की स्थिति मतबूत होगी. उन्होंने कहा, ‘‘विदेशों से जो भी टीके खरीदे जायेंगे, वे हमारे नियामक दिशानिर्देशों के तहत होने की जरूरत है. जहां तक हमारी जानकारी है कि अमेरिका ने भी संकेत दिया है कि उसकी ओर से दूसरे देशों को भेजे जाने वाले टीके उत्पाद गुणवत्ता संबंधी संघीय खाद्य और दवा प्रशासन की मंजूरी के अनुरूप होगी.’’
भारत को 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई- सरकार
विदेश सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए अमेरिका, रूस, यूरोप, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई, खाड़ी देशों, पड़ोसी देशों सहित 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई है. उन्होंने कहा था कि भारत महामारी को लेकर इस बात पर जोर देता रहा है कि इससे निपटने और इसे रोकने के लिए सामूहिक पहल की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा था कि जब महामारी शुरू हुई थी तब भारत ने दुनिया के देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल सहित अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की थी और यहां तक कि रेमडेसिविर दवा भी दी थी और अब दुनिया के देश भारत को सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं.
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