नयी दिल्ली: देश में 16 जनवरी को कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है, उससे पहले रविवार को कई राज्यों की ओर से कहा गया कि पहले चरण के अभियान के लिहाज से सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई है. जिनमें टीकाकरण स्थलों की पहचान करना और स्वास्थ्यकर्मियों समेत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों का पंजीयन करना शामिल है.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सभी व्यक्तियों को मुफ्त में कोविड-19 का टीका मुहैया कराने की व्यवस्था कर रही है. एक खुले पत्र में मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि कोविड-19 योद्धाओं जिनमें पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, सुधार गृह और आपदा प्रबंधन कर्मी शामिल हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीका दिया जाएगा.


उन्होंने महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों को संबोधित पत्र में कहा, ‘‘ मुझे सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी सरकार राज्य के सभी लोगों तक मुफ्त में टीका पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है.’’ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने रविवार को कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में 16 जनवरी से शुरू होने जा रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिये 89 स्थान तय किये हैं.


जैन ने कहा कि 40 सरकारी और 49 निजी अस्पतालों में टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा.


उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मंगलवार या बुधवार तक टीकों की पहली खेप आ जाएगी. पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. इसके बाद अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को खुराक दी जाएगी.' राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के उद्देश्य से किये जाने वाले टीकाकरण के लिए चिकित्सा विभाग ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं.


शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 16 जनवरी से प्रारंभ होने वाले कोरोना टीकाकरण के प्रथम चरण में करीब 4.5 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया गया है, जिन्हें कोविशील्ड कोरोना टीका लगाया जायेगा. उन्होंने बताया कि 282 सत्र स्थलों पर प्रथम चरण का टीकाकरण होगा.


चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में कोविड टीका के भंडारण के तीन राज्य स्तरीय व सात संभाग स्तरीय एवं 34 जिला स्तरीय टीका भंडार बनाए गए हैं. शर्मा ने कहा कि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 2,444 शीत श्रृंखला बिंदु कार्यशील हैं और प्रत्येक जिले में एक टीका वाहन भी उपलब्ध है.


उन्होंने बताया कि टीकाकारण के दौरान किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचाव के लिए टीकाकरण केंद्रों पर 104 व 108 एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के टीकाकरण के लिए 5,626 टीकाकरण दलों को प्रशिक्षित किया गया है. प्रथम चरण में 3689 चिकित्सा संस्थानों एवं 2969 निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों को टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है. इनमें से 3736 चिकित्सा संस्थानों पर सत्र स्थल के रूप में कोविन सॉफ्टवेयर अपलोड कर दिया गया है.


11 लाख लोगों को राज्य में प्राथमिकता के आधार पर लगाया जायेगा टीका


गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि कोविड-19 ड्यूटी में लगे स्वास्थ्यकर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कर्मियों समेत करीब 11 लाख लोगों को राज्य में प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि 16,000 कर्मियों को टीके लगाने का प्रशिक्षण दिया गया है.


मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र के दिशा-निर्देशों के मुताबिक राज्य में टीका देने के लिए चार प्राथमिकता समूहों के 1.2 करोड़ लोगों का डेटाबेस तैयार किया गया है. केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा था कि भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होगा, इसमें करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी.


रूपाणी ने कहा कि छह क्षेत्रीय डिपो, अन्य ढांचे मसलन कोल्ड चेन, टीके की खुराकों का भंडारण एवं आपूर्ति आदि की व्यवस्था की जा चुकी है. उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान में राज्‍य के हर व्‍यक्ति को चरणबद्ध रूप से टीका लगाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा.


रविवार को जारी एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्‍यमंत्री ने प्रदेश में 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सहित पूरा देश कोरोना के खिलाफ सफलतापूर्वक जंग लड़ रहा है.


गोवा सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के पहले चरण में आठ अस्पताल चिह्नित किए हैं जिनमें 18,000 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. राज्य प्रतिरक्षण (इम्यूनाइजेशन) अधिकारी डॉ. राजेन्द्र बोर्कार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक दिन में इन सभी आठ प्रतिष्ठानों में 100-100 टीके लगाए जाएंगे, जिसके लिए प्रत्येक दिन 800 टीकों की आवश्यकता होगी.


उन्होंने बताया,‘‘ राज्य सरकार ने पांच सरकारी अस्पताल और तीन निजी अस्पतालों को चुना है जहां स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे.’’ कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने रविवार को कहा कि अगर केन्द्र सरकार जनप्रतिनिधियों को पहले चरण में टीका लगवाने की अनुमति देती है तो वह राज्य में सबसे पहले टीका लगवाएंगे.


पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की योजना है.


सुधाकर ने यहां राज्य के टीका केन्द्र का निरीक्षण करने के दौरान पत्रकारों से कहा, 'कोवैक्सीन टीके की पहली खेप स्वास्थ्य कर्मियों के लिये होगी, लेकिन अगर केन्द्र सरकार हमें अनुमति दे तो मैं स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते सबसे पहले टीका लगवाऊंगा. ' मंत्री ने कहा कि लोगों के बीच भरोसा पैदा करने के लिये टीका लगवाने के लिये आगे आना जरूरी है.


आंध्र प्रदेश सरकार 16 जनवरी को कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है. टीकाकरण की शुरुआत पहले चरण में लगभग 3.6 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाने के साथ होगी. यह जानकारी एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को दी.


स्वास्थ्य आयुक्त के. भास्कर ने कहा कि राज्य मशीनरी ने टीकाकरण कार्यक्रम के अब तक तीन पूर्वाभ्यास सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं और वास्तविक अभियान के लिए आवश्यक सभी चीजों का इंतजाम कर लिया गया है. भास्कर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कुल मिलाकर 1,940 स्थलों का उपयोग टीकाकरण कार्यक्रम के लिए किया जाएगा जिनमें से 1,659 के परिसर में ‘शीत श्रृंखला बिंदु’ हैं. उन्होंने कहा कि बाकी स्थलों के लिए टीके को निकटतम ‘कोल्ड चेन’ बिंदु से लाया जाएगा.


उन्होंने कहा कि प्रतिदिन प्रत्येक स्थल पर 100 स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा. भास्कर ने कहा कि प्रत्येक स्थल पर पुलिस की तैनात रहेगी. कोविड-19 टीकाकरण की देश में शुरुआत की तैयारी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की जिसमें को-विन सॉफ्टवेयर के बारे में टीके के पूर्वाभ्यास के दौरान इसके उपयोग के जरिये एकत्रित जानकारी पर चर्चा की गयी.


केंद्र ने रविवार को कहा कि कोविड-19 टीके की आपूर्ति की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म को-विन कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान का आधार होगा और यह नागरिक केंद्रित होगा. बैठक की अध्यक्षता कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए प्रौद्योगिकी एवं डेटा प्रबंधन पर उच्चाधिकार समूह के अध्यक्ष एवं कोविड -19 टीके से संबंधित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के सदस्य राम सेवक शर्मा ने की थी.


उन्होंने को-विन सॉफ्टवेयर और टीकाकरण अभ्यास के लिए प्रौद्योगिकी बैकअप के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मजबूत, भरोसेमंद तकनीक देश के कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए आधार और बैक-अप दोनों का निर्माण करेगी. एक बयान में शर्मा के हवाले से कहा गया, ‘‘यह प्रक्रिया नागरिक केंद्रित होनी चाहिए और इस दृष्टिकोण से निर्मित होनी चाहिए कि टीका कभी भी और कहीं भी उपलब्ध हो.’’


उन्होंने गुणवत्ता से समझौता किए बिना लचीलेपन की आवश्यकता पर जोर दिया.


शर्मा ने टीकाकरण संबंधी डेटा वास्तविक समय में हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों को विशिष्ट रूप से पहचाना जाए. शर्मा ने आधार प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर राज्यों को सलाह दी कि वे लाभार्थियों से आग्रह करें कि वे पंजीकरण के लिए अपने वर्तमान मोबाइल नंबर को आधार के साथ जोड़ें जिससे बाद के संचार के लिए एसएमएस में सुविधा हो.


सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के टीकाकरण के बाद, 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित 50 से कम आयु समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी.


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