नई दिल्ली: देश में 16 जनवरी को कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई जिसमें पहले दिन करीब 2 लाख लोगों को टीका लगाया गया. वहीं, नौसेना के भी 240 हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया गया. इनमें मुंबई ‌स्थित पश्चिमी कमान के आईएनएचएस अश्विनी (अस्पताल) में 100 फ्रंटलाइन-वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई. विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी कमान के आईएनएचएस कल्याणी में 40 हेल्थ वर्कर्स और कोच्चि स्थित दक्षिणी ‌कमान के आईएनएचएस संजीवनी (अस्पताल) में भी 100 हेल्थ-वर्कर्स को भी वैक्सीन लगाई गई.


सेना को कुल 4000 वैक्सीन दी गई हैं


इसके अलावा राजधानी दिल्ली में थलसेना के बेस हॉस्पिटल और पश्चिमी कमान के मुख्यालय, चंडीमंदिर (पंचकुला) में भी देशभर के अभियान के तहत टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दरअसल, 16 जनवरी से शुरू हो रही कोविड वैक्सीनेशन के लिए सेना को कुल 4000 वैक्सीन दी गई हैं. सबसे पहले लद्दाख में तैनात सेना के फ्रंटलाइन वर्कर्स यानि सैन्य-डाक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ को वैक्सीन दी गई.


जानकारी के मुताबिक, इन 4000 वैक्सीन में से कम से कम 3820 अकेले लद्दाख में तैनात सैनिकों (डॉक्टर्स इत्यादि) के लिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीनेशन का ये पहला चरण है. जैसे-जैसे सरकार से वैक्सीन मिलनी शुरू हुई, दू‌सरी कमांड में तैनात फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण का काम शुरू हो गया.


लेह में पहले चरण में 6 हजार वैक्सीन लगाई गई


जानकारी के मुताबिक, शनिवार को जब प्रधानमंत्री कोरोना-टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत की तब लेह स्थित 14वीं कोर के मिलिट्री-हॉस्पिटल में भी वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हुआ. आपको बता दें कि लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी) कोर की जिम्मेदारी ही पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी एलएसी की सुरक्षा करना है, जहां पिछले आठ महीने से दोनों देशों की सेनाओं में तनातनी चल रही है.


लेह में मिलिट्री-हॉस्पिटल के अलावा हार्ट-सेंटर (अस्पताल) में भी देशभर की तरह कोरोना-वैक्सीन कार्यक्रम की शुरूआत हुई. इसके लिए बाकयदा पूरी तैयारी की गई. करीब छह हजार वैकसीन पहले चरण में इस सेंटर में लगाई गई है.


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