देश में कोरोना के प्रसार को कम करने के लिए जहां अधिकतर राज्यों में कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. हालांकि, इस बीच वैक्सीनेशन की कमी इस राह में जरूर बाधा बनी है. कुछ लोगों ने जहां वैक्सीन की एक डोज ली है तो वहीं अब उनके मन में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे दूसरी डोल कोविशील्ड की ले सकते हैं. या फिर कुछ लोग जिन्होंने कोविशील्ड की पहली डोज ली वे अब यह जानना चाहते हैं कि क्या वे रूस से आई स्पूतनिक-V की दूसरी डोज ले सकते हैं.
दूसरी डोज के बाद सतर्क की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि अगर कोविड-टीके की दूसरी डोज में अलग टीका दिया जाता है तो उसके उल्लेखनीय दुष्प्रभाव होने की आशंका नहीं है, लेकिन अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. इसके साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप में कमी आ रही हैं, हमारा मानना है कि पाबंदियों में सार्थक ढील देने पर भी यह परिपाटी बनी रहेगी.
पिछले 20 दिन से कम हो रहे नए मामले
उन्होंने आगे बताया कि कोविड-19 की जांच कई गुना बढ़ाई गई, लेकिन गत तीन सप्ताह से भारत में साप्ताहिक संक्रमण दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है. पिछले हफ्ते से 24 राज्यों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. भारत में गत 20 दिनों में कोविड-19 के नए मामलों में लगातार गिरावट आई है.
यूपी में लापरवाही से दी गई दूसरी वैक्सीन
इधर, सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है और जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण के दौरान 20 लोगों को पहली खुराक में कोविशील्ड जबकि दूसरी खुराक में कोवैक्सीन लगा दी गयी. प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. मामला जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र का है जहां औदही कलां समेत दो गांवों में लगभग 20 लोगों को टीके की पहली खुराक कोविशिल्ड की लगाई गयी, लेकिन 14 मई को दूसरी डोज लगाते समय स्वास्थ्यकर्मियों ने भारी लापरवाही बरतते हुए कोवैक्सीन लगा दी.
टीका लगवा चुके राम सूरत को जब इस बात की जानकारी हुई तो वह भयभीत हो गये और जब उन्होंने केन्द्र पर सम्पर्क किया तो इस गलती का खुलासा हुआ जिसके बाद सब एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे. इस लापरवाही के बारे में पूछे जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संदीप चौधरी ने स्वीकार किया कि लगभग 20 लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए कॉकटेल टीका लगा दिया. हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई उनमें किसी में भी अभी तक कोई समस्या देखने को नहीं मिली है और वे सभी स्वस्थ हैं.
उन्होंने बताया कि मौके पर वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम भेजी गई थी जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है और उसके आधार पर जिम्मेदार लोगों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. घटना के दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम इन सभी लोगों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है.