मुंबई के सायन अस्पताल में एक फाइनल ईयर एमबीबीएस स्टूडेंट को कोविशील्ड की दूसरी खुराक मिलने के बाद भी उसमें कोरोनावायरस के लक्षण पाए गए हैं. इस पर डॉक्टरों ने कहा कि दोनों खुराक मिलने के बाद भी एंटीबॉडी बनने में कई दिन लग जाते हैं. बता दें कि 1 मार्च यानि कि आज से वैक्सीनेशन का दूसरा चरण उपलब्ध हो रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि अब लापरवाही बरती जा सके. विशेषज्ञों के अनुसार एंटीबॉडी बनने में 45 दिन तक का समय लग जाता है. इस वजह से वैक्सीन लगने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं.


डॉक्टर्स ने बताई ये वजह


सेवन हिल्स अस्पताल के प्रभारी डॉ. बालकृष्ण एडसुल ने कहा कि टीकाकरण वैक्सीन के बाद सभी में एक जैसे समय में एंटिबॉडी नहीं बन पाती हैं. डॉ. एडसुल ने आगे कहा कि उस स्टूडेंट के अंदर हल्के लक्षण मिले थे. एक बार वैक्सीन लगने के बाद वायरस के खिलाफ एंटिबॉडी बनने में 45 दिनों तक का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टूडेंट उसी समय के आसपास संक्रमित हो गया होगा, जब उसने दूसरी खुराक ली थी.


सभी को कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए 


वहीं सायन अस्पताल के डीन डॉ. मोहन जोशी ने कहा कि कुछ मामले ऐसे आए हैं, जिसमें वैक्सीन लगने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो गए हैं. इसका कारण शरीर में एंटिबॉडी बनने से पहले उनका संक्रमित होना है. डॉ. जोशी ने आगे कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी सभी को कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.


तो वहीं सायन अस्पताल के एक स्टूडेंट ने कहा कि काफी स्टूडेंट्स को क्वांरनटाइन में रहना पड़ा है. हमारी फाइनल की परीक्षाएं हैं, लेकिन अभी भी इस पर कुछ तय नहीं है कि क्वांरनटाइन में रहने वालों को बाद में परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी या नहीं. इस पर डॉ. जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी के अनुसार तो क्वांरनटाइन में रहने वालों को अबसेंट किया जा रहा है.


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