नई दिल्ली: वैसे तो केंद्र सरकार ने पत्रकारों को फ़्रंट वर्कर मानने से मना कर दिया है. लेकिन ओडिशा, एमपी, बंगाल और पंजाब की सरकारों ने पत्रकारों को ये सुविधा दी है. इसी कड़ी में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तो पत्रकारों को उनके ऑफिस में टीका लगाने का एलान कर दिया. लंबे समय से इसकी मांग हो रही थी.
यूपी में कोरोना से बचाव के लिये पत्रकारों और उनके परिवार को वैक्सीन लगेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलग से वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाने और प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन करने के आदेश जारी किए. जरूरत होने पर मीडिया दफ्तरों में भी कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान चलाने का फ़ैसला हुआ है. पत्रकारों के परिवार में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाए जाने को कहा गया है.
कोरोना की लड़ाई में फ्रंट वॉरियर की तरह हमेशा ग्राउंड जीरो पर रिपोर्टिंग का जिम्मा संभालने वाले उत्तर प्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा के लिये यूपी सरकार की ओर से अब तक का सबसे बड़ा निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लिया गया है. प्रदेश में समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही वेब पोर्टल में काम करने वाले और फ्रीलांसर पत्रकारों की बड़ी संख्या है.
पत्रकारों की कठिन ड्यूटी और काम के दौरान समय की कोई बाध्यता नहीं होती है. ऐसे में योगी सरकार ने पत्रकारों और उनके परिवारजनों को कोरोना से बचाव के लिये वैक्सीन लगाने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर सीनियर अधिकारियों ने प्राथमिकता के आधार पर पत्रकारों का वैक्सीनेशन करने और अलग से वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाने के काम को तेज गति से शुरू कर दिया है.
पत्रकार की मृत्यु पर आश्रितों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी सरकार
योगी सरकार अब पत्रकारों की मदद के लिए केंद्र की कल्याण योजना का लाभ देने जा रही है. अब इस योजना का लाभ गैर मान्यता प्राप्त और फ्रीलांसर भी उठा सकेंगे. योजना की पात्रता के लिए भारत सरकार या किसी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए. यदि मान्यता प्राप्त नहीं हैं और वे प्रिंट, इलेक्ट्रानिक या वेब आधारित सेवाओं से पिछले कम से कम पांच वर्षों से जुड़े हैं, तो भी वे इस योजना के दायरे में आएंगे. एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी नवनीत सहगल ने बताया कि पत्रकार की मौत होने पर उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की व्यवस्था है. स्थाई दिव्यांगता के मामले में पत्रकार को 5 लाख रुपये, कैंसर, रीनल फेल्योर, बाई पास, ओपेन हार्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, ब्रेन हैमरेज और लकवाग्रस्त होने जैसी गंभीर बीमारी की दशा में 3 लाख रुपये तथा किसी गंभीर दुर्घटना के कारण उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 2 लाख रुपये देने का नियम है.