नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के मामले हर दिन रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे हैं. इस महामारी से हर दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है. ऐसे में हर कोई जल्द से जल्द कोरोना वायरस की वैक्सीन के आने का इंतजार कर रहा है. दावा किया गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया की तरफ से बनाई जा रही 'COVISHIELD' वैक्सीन 73 दिनों में आ जाएगी. लेकिन अब खुद सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया ने इस दावे पर अपनी सफाई दी है.


सीरम इंस्टीट्यूट ने क्या कहा है?


सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ट्वीट करके जानकारी दी है, ‘’ इंस्टीट्यूट स्पष्ट करता है कि मीडिया में 'कोविशील्ड' की उपलब्धता पर वर्तमान दावे गलत हैं. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए फेज -3 के ट्रायल चल रहे हैं. सरकार ने अभी हमें केवल वैक्सीन का निर्माण करने और भविष्य में उपयोग के लिए भंडार करने की अनुमति दी है.’’






बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी. सीरम इंस्टीट्यूट एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रही है, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है. इसका भारत में सितंबर में मानव परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है.


सब कुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक मिल जाएगा टीका- स्वास्थ्य मंत्री


वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत को नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम वाला टीका इस साल के आखिर तक मिल जाएगा. भारत में कोरोना के तीन टीके विकास के विभिन्न स्तर पर हैं, जिनमें से दो टीके स्वदेश निर्मित हैं. दो स्वदेशी टीकों के मानवीय क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है और परीक्षण दूसरे चरण में पहुंच चुका है. इनमें से एक टीके को भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है और दूसरा टीका जाइडस कैडिला लिमिटेड ने तैयार किया है.


इस बीच, आईसीएमआर भारत और विदेशों में कोरोना के टीके के विकास के बारे में जानकारी देने के लिए एक पोर्टल बना रहा है, जिस पर अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी दी जाएगी. पोर्टल अगले हफ्ते तक शुरू हो सकता है.


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