Corona Vaccine: अमेरिका ने रेमडेसिविर दवा को दिया फुल अप्रूवल, हाल ही में WHO ने उठाए थे सवाल
अमेरिका ने इस दवा को ऐसे समय मंजूरी दी है, जब डब्ल्यूएचओ ने इसपर पांच दिन पहले ही सवाल उठाए थे.रेमडेसिविर इबोला वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की गई थी. कोरोना मरीजों पर भी इसका असर दिखा है.
Corona Vaccine: कोरोना वायरस महामारी के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमडिसिविर दवा को अमेरिका ने फुल मंजूरी दे दी है. ये मंजूरी अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने दी है. रेमडेसिविर ऐसी पहली दवा है, जिसे स्वास्थ्य संस्थाओं ने अस्पताल में भर्ती होने वाले संक्रमित मरीजों को देने के लिए मंजूरी दी है. अबतक इसका इस्तेमाल सिर्फ संक्रमण से गंभीर मरीजों के लिए ही होता था.
पांच दिन पहले WHO ने उठाए थे सवाल
बड़ी बात यह है कि अमेरिका ने इस दवा को ऐसे समय मंजूरी दी है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसपर पांच दिन पहले ही सवाल उठाए थे. ‘डब्ल्यूएचओ सॉलिडरिटी ट्रायल’ के अंतरिम नतीजे के हवाले से बताया गया था कि कोरोना के सिलसिले में चार दवाओं का मृत्यु दर घटाने, श्वसन को सुचारू करने और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि पर कोई असर नहीं पड़ा. दरअसल, रेमडेसिविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर/रिटोनोविर और इंटरफेरोन का 30 देशों के 405 अस्पतालों में 11 हजार 666 बालिगों पर परीक्षण किया गया था.
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डब्ल्यूएचओ के परीक्षण का मकसद यह जानना था कि वर्तमान में उपलब्ध दवाएं कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में कितनी प्रभावी हो सकती हैं. नतीजे से पता चला कि परीक्षण के दौरान इस्तेमाल की गई दवाओं रेमडेसिविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर/रिटोनाविर और इंटरफेरोन का कोविड-19 मरीजों पर या तो बेहद कम असर हुआ या बिल्कुल भी कारगर साबित नहीं हुईं.
इबोला वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की गई थी रेमडेसिविर
इस दवा का विकास अमेरिकी कंपनी गिलीड ने कुछ साल पहले किया था. तब यह अफ्रीकी महाद्वीप में कहर बरपाने वाले इबोला वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की गई थी. हाल के दिनों में कोरोना मरीजों पर भी इसका असर दिखा है और ऐसे में कई देशों में इसका जेनेरिक वर्जन उतारा गया है. भारत में भी कुछ कंपनियों ने ऐसा किया है. वहीं जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने 12 अगस्त को देश में इस दवा के सबसे सस्ते जेनेरिक वर्जन को बाजार में उतारा. इसकी कीमत 2,800 रुपये प्रति 100 मिलीग्राम है.
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