जम्मू: जम्मू में जहां अब तक कोरोना वायरस के 2 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं वहीं इस वायरस से संदिग्ध संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ कर 1878 तक पहुंच गयी है. इस वायरस का असर अब जम्मू में ट्रांसपोर्ट पर पड़ना शुरू हो गया है. जम्मू में ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों की माने तो संभाग में चलने वाली करीब 80 प्रतिशत स्लीपर बसें सड़कों से गायब हो गयी हैं.


ट्रांसपोर्टर्स की माने तो जम्मू से स्लीपर बसें जम्मू के पड़ोसी राज्यों दिल्ली, पंजाब, हिमाचल तक जाती हैं और इन बसों में सफर करने के लिए रोजाना सैंकड़ों यात्री जम्मू के बस स्टैंड के पास बने त्रिकुटा कॉम्प्लेक्स पहुंच जाते थे, लेकिन हाल फिलहाल चंद यात्री ही यहां पहुंच रहे हैं और स्लीपर बसों में यात्रा कर रहे हैं.


इस वायरस से निपटने के लिए एहतियातन जम्मू में सरकार ने जहां सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, जिम, शॉपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल और स्टेडियम बंद किये हैं तो वहीं आम जनता से भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने और बहुत जरूरी स्थिति में ही घरों से बाहर निकलने की बात भी कही गई है. यही वजह है कि यात्री फिलहाल यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं जिसका सीधा असर ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री पर पड़ रहा है और उन्हें रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.


अगर जम्मू में सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट की बात करें तो यहां रोजाना 1000 बसें ही अब जम्मू से ग्रामीण इलाकों में चल रही हैं जबकि यह आंकड़ा पहले 8000 से अधिक का था. वहीं जम्मू शहर की अगर बात करें तो शहर के अलग-अलग रूट्स पर करीब 2500 बसे चलती थीं जिनकी संख्या अब करीब 400 रह गयी है.अगर जम्मू से दिल्ली के बीच चल रही स्लीपर बसों की बात करे तो इस रूट पर 40 बसे चलती थीं जो अब सिमट कर आधा दर्जन रह गयी हैं तो वहीं चंडीगढ़ रूट पर चल रही 20 स्लीपर बसों में से सिर्फ 4 बसे ही चल रही है.


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