दिल्ली में कोरोना की एंट्री, AIIMS ने वायरस से निपटने के लिए जारी की गाइडलाइन, SARI जैसे लक्षण वाले मरीजों की होगी जांच
Coronavirus Cases: दिल्ली एम्स के निदेशक ने अस्पताल से सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कोविड -19 टेस्टिंग नीति पर चर्चा की.
Coronavirus Cases In India: देश में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि के बाद दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने अस्पतालों में आने वाले कोविड-19 संदिग्ध या पॉजिटिव केस के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. दिशानिर्देश जारी करने से पहले दिल्ली एम्स के निदेशक ने बुधवार (27 दिंसबर) को कोविड-19 से निपटने उपायों पर अस्पताल के सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की.
इस बीच दिल्ली में जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है. इसके साथ ही देशभर में नए वेरिएंट के मामलों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि दिल्ली में कोविड 19 के सब-वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 नमूनों में से एक जेएन.1 और दो नमूनों में ओमीक्रॉन वैरिएंट मिला है.
टेस्टिंग नीति पर हुई चर्चा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बैठक में कोविड -19 टेस्टिंग नीति और पॉजिटिव मरीजों और अस्पताल में उन्हें भर्ती करने के लिए बनाए गए क्षेत्रों पर चर्चा की गई. संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना टेस्टिंग पॉलिसी के अनुसार जांच का फैसला लिया गया है. इसके मुताबिक गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) जैसे लक्षणों वाले रोगियों की जांच की जाएगी.
WHO ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कुछ प्रमुख लक्षण बताए हैं. इसमें पिछले 10 दिनों में सांस का गंभीर संक्रमण, 38 डिग्री या इससे अधिक बुखार, के साथ कफ के साथ खांसी जैसे लक्षण शामिल हैं.
सी 6 वार्ड में 12 बिस्तर रखे जाएं रिजर्व
इसके अलावा बैठक में एम्स के सभी विभागों को निर्देश दिएया गया है कि अपने वार्ड में भर्ती ऐसे मरीज जो कोविड 19 से संक्रिमत हैं, उन्हें मैनेज करने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी इंतजाम करें. एम्स ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार कोविड संक्रमित रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए सी 6 वार्ड में 12 बिस्तर रिजर्व रखे जाएंगे.
ओपीडी में स्क्रीनिंग का इंतजाम
बयान के मुताबिक अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट की ओपीडी में स्क्रीनिंग का इंतजाम भी होगा. यहां मरीजों में कोविड जैसे लक्षणों की जांच की जाएगी. साथ ही कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर उनकी मेडिकल जरूरतों को पूरा किया जाएगा. बता दें कि WHO ने हाल ही में जेएन.1 को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है. यह बीए.2.86 वैरिएंट से अलग है.
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