नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से संवाद के दौरान एक अपील की. उन्होंने कहा कि सभी देशवासी पांच अप्रैल रविवार को रात 9 बजे अपने घरों की लाइट बंद कर के नौ मिनट तक घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर मोमबत्ती या मोबाइल की लाइट जलाए. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा करने से एहसास होगा कि हम अकेले नहीं हैं. हालांकि पीएम मोदी की अपील के बाद सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसपर हमला बोला है.


कांग्रेस का हमला

बिहार विधान परिषद के सदस्य और AICC के मीडिया पैनलिस्ट प्रेम चंद्र मिश्रा ने तुरंत ही लॉकडाउन लागू करने में महीने भर की देरी पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री के संबोधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अलर्ट करने और एक महीने पहले लॉकडाउन लागू करने पर ध्यान क्यों नहीं दिया. उन्होंने कहा ऐसे आयोजन अनावश्यक हैं.


उन्होंने पूछा कि बिना बालकनी के घरों में रहने वाले या बेघर इसमें कैसे भाग लेंगे? मिश्रा ने आगे कहा कि वह 5 तारीख को लाइट्स बंद नहीं करेंगे.


वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, ''कोरोना महामारी से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों में 130 करोड़ नागरिकों की सामूहिक शक्ति की विराटता, भव्यता और दिव्यता के विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के उद्गार महत्वपूर्ण हैं. निस्संदेह, हमें मिलकर कोरोना के अन्धकार को परास्त कर सकारात्मकता व प्रकाश की ओर बढ़ना होगा.''






कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा संदिग्ध 6 लाख मरीजों की जांच का क्या प्लान है इसको लेकर पीएम ने कुछ नहीं कहा. गरीबों के खाने का प्लान नहीं बताया. वह ड्रामा कर रहे हैं.






वहीं गीतकार प्रसून जोशी ने कविता साझा की






क्या कहा पीएम मोदी ने


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से लाइट बंद कर दीया जलाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा,'' हम पांच अप्रैल रविवार को रात 9 बजे अपने घरों की लाइट बंद कर के नौ मिनट तक घर के दरवाजे पर या बालकनी में
खड़े रहकर मोमबत्ती या मोबाइल की लाइट जलाए. दुनिया को प्रकाश की ओर जाना है. ऐसा करने से एहसास होगा कि हम अकेले नहीं हैं.''


पीएम मोदी ने कहा कि इस रविवार को हमें संदेश देना है कि हम सभी एक हैं. पीएम ने अपील करते हुए कहा कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन ना करें. उन्होंने कहा,'' सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है.  कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है. उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है.''