कोरोना पर SC सख्त, कहा- हालात बदतर, केंद्र-राज्यों को चिंता नहीं, सिर्फ SOP बना दिया
देश में कई जगहों पर आए दिन ऐसा देखा जाता है कि कई लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों का पालन भी नहीं कर रहे हैं. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के नए मरीज सामने आ रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दूसरी ओर ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि लोग कोरोना वायरस संबंधी बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कई जगह अब भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और भीड़ वाली जगहों पर जा रहे हैं. इसके अलावा लोग सही से मास्क भी नहीं पहन रहे हैं, जिसके लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार पर अब नाराजगी जताई है.
देश में कई जगहों पर आए दिन ऐसा देखा जाता है कि कई लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों का पालन भी नहीं कर रहे हैं. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 80 फीसदी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं. राज्य और केंद्र सरकार को कोई चिंता ही नहीं है. सरकार की ओर से सिर्फ SOP बना दिए गए हैं.
लापरवाही पर नाराजगी
देश में कोरोना के इलाज की व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की रोकथाम में राज्यों की लापरवाही पर नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां सुनवाई कर रहे हैं और बाहर 80 फीसदी लोग या तो बिना मास्क के घूम रहे हैं या उसे मुंह से नीचे लटका रखा है. सरकार ने बस SOP बना दिया है. उसके पालन की फिक्र किसी को नहीं है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
राज्य चिंतित नहीं लगते
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं. केंद्र और राज्य चिंतित ही नहीं लगते हैं. वहीं सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर राज्यों को और सख्त होना पड़ेगा. देश के 10 राज्यों में कोरोना वायरस के 70 फीसदी केस हैं.
गुजरात की घटना पर संज्ञान
वहीं गुजरात के राजकोट जिले में एक कोविड अस्पताल में भीषण आग लग गई. सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट के हॉस्पिटल में आग लगने से 6 लोगों की मौत पर संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट भी मामले को देख रहा है. वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पूरे देश की स्थिति पर संज्ञान ले रहे हैं. इस तरह की घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं.
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