ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के GIMS (गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) अस्पताल में 9 महीने की प्रेग्नेंट कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीज़ की सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए 20 अप्रैल को डिलीवरी कराई गई. महिला को जेपी अस्पताल से यहां रेफर किया गया था. बच्चा एकदम स्वस्थ पैदा हुआ है और बच्चे के पॉजिटिव होने की संभावना कम है.मां का स्वास्थय भी स्थिर है लेकिन वो अब भी कोरोना से संक्रमित हैं, लिहाज़ा बच्चे को मां से अलग रखा गया है.
इस ऑपरेशन को डॉक्टर शिखा सेठ के नेतृत्व में उनकी टीम ने किया जिनमें एक डॉक्टर दंपत्ति , डॉक्टर अंकिता और डॉक्टर मयंक स्वयं मदद के लिए आए और टीम का हिस्सा बने.
एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में डॉक्टर मयंक ने बताया कि मां और बच्चे दोनों हाई रिस्क पर थे इसलिए हम दोनों मदद के लिए सामने आए, ऐसे वक़्त में सहायता देना और सहयोग करना बेहद जरूरी था.
दंपत्ति डॉक्टर ने घर में बूढ़े मां बाप होने के कारण और संक्रमण का खतरा घर तक ले जाने के कारण घर ना जा कर, अलग रहने का निर्णय किया है. डॉक्टर अंकिता और मयंक का अपना बच्चा भी डेढ़ महीने का है जिसे उन्होंने फिलहाल खुद से अलग बुज़ुर्ग मां बाप के पास ही छोड़ दिया है और दोनों पति-पत्नी अपनी अहम जिम्मेदारी समझते हुए, अपनी मर्ज़ी से हाई रिस्क ड्यूटी कर रहे हैं.
डॉक्टर मयंक कहते हैं कि " हमारा अपना बच्चा भी डेढ़ महीने का है जिसे दो दिनों से मां का दूध नहीं मिल पा रहा है क्योंकि अब संक्रमण के खतरे को देखते हुए ब्रेस्ट फीड करना खतरनाक हो सकता है."
GIMS अस्पताल में 18 अप्रैल तक 36 कोरोनावायरस के मरीज़ भर्ती हो चुके हैं जिनमें से 20 लोगों को सफल इलाज के बाद घर भेज दिया गया है.
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