लखनऊ: विदेश या फिर दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आए तीस हजार लोग कोरोना संक्रमण के लिहाज से संदिग्ध हैं. इन सभी की निगरानी की जा रही है. कोरोना को लेकर गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह जानकारी दी गई. बैठक में कोरोना पर नियंत्रण के लिए एक ऐक्शन प्लान भी तैयार किया गया.


इसके लिए शीर्ष अधिकारियों की 12 कमेटियों का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय खुद आइजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन के जरिए सभी कमेटियों के काम की निगरानी के साथ उनमें समन्वय स्थापित करने का काम करेगा. सभी कमेटियां दिन-रात चौबीसों घंटे पूरे हालात पर नजर रखेंगी. इसके साथ ही कोविड-19 की टेस्टिंग, स्क्रीनिंग व अन्य सुविधाओं के लिए विधायक निधि की गाइड लाइन में संशोधन का आदेश भी जारी कर दिया गया है.


बैठक के बाद आला अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि सरकार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के जरिए प्रदेश की 60 हजार ग्राम पंचायतों के साथ संपर्क में है. हर संदिग्ध को ट्रैक कर रहे हैं. जरूरत के अनुसार उनको आइसोलेट कर निगरानी कर रहे हैं. रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की किसी को कमी न हो, इसके लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता में समाज का वह तबका है, जो रोज कमाता और खाता है. साथ ही वह भी, जिनको काम के दिन के अनुसार वेतन मिलता है. रोज कमाने-खाने वाले तबके में निर्माण कार्य में लगे श्रमिक, पटरी व्यवसायी, ठेले, खोमचे, रेहड़ी और रिक्शा चालक आदि आते हैं.


इन सबके खाते में एक-एक हजार रुपये भेजे जा रहे हैं. नियोजकों को निर्देश दिया गया है कि वह किसी के वेतन में कटौती न करें. मुख्यमंत्री योगी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि गरीब तबके के जो लोग अब तक इस लाभ से वंचित हैं, उनको एक हजार रुपये के साथ खाद्यान्न भी उपलब्ध कराएं. लोगों के व्यापक हित में पुलिस और प्रशासन मिल कर लॉकडाउन को प्रभावी बनाएं. साथ ही कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ पूरी सख्ती बरतें.


कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यकता पड़े तो इनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई भी की जाए. इस दौरान शहर से लेकर गांव और सरकारी संस्थाओं खासकर पुलिस थाने, जेल, पुलिस लाइन और पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में शुद्ध पानी, सफाई और सैनिटाइजेशन की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी. स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए एक अलग कमेटी बनायी गयी है. अब तक 11 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड तैयार हो चुके हैं. कोरोना के जांच की सुविधा लगातार बढ़ाई जा रही है.


मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में सहयोग करने को लेकर प्रदेश वासियों का अभिनंदन किया है. उन्होंने सफाई, स्वास्थ्य और पुलिस समेत उन सभी कर्मचारियों का आभार जताया, जो इस संकट की घड़ी में संयुक्त रूप से बेहतर काम कर रहे हैं. सरकार ने कोविड-19 की टेस्टिंग, स्क्रीनिंग व अन्य सुविधाओं के लिए विधायक निधि की गाइड लाइन में संशोधन का शासनादेश जारी कर दिया है. जिसे प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने सभी जिले के डीएम को भेज दिया है.


विधायक निधि की धनराशि की संस्तुति को जिला स्तर पर ही चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाया जाएगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में 30,000 लोगों की निगरानी और उनकी मॉनटरिंग की जा रही है.


किसानों और पशुओं की भी फिक्र
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि पशुओं को चारे की किल्लत न हो, दूध की आपूर्ति बनी रहे. हर घर तक दूध और रोजमर्रा के जरूरत का सामना पहुंचाना भी सरकार सुनिश्चित कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आलू, सरसों, मटर, चना की फसल तैयार है. गेहूं भी तैयार होने को है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह इनके खरीद और भंडारण की भी उचित व्यवस्था कराएं. कोराना के खिलाफ इस जंग में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी.


दुनिया के लिए नजीर बनेगा प्रधानमंत्री का मॉडल
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कोरोना के खिलाफ इस जंग में गरीबों को केंद्र में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस पैकेज की घोषणा की है, वह भविष्य में पूरी दुनिया के लिए नजीर बनेगा. उन्होंने जनता से अपील की कि वह लॉकडाउन का पालन करें. इससे होने वाली तात्कालिक तकलीफ आप सबके और देश की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. जनता का इसी तरह सहयोग रहा तो यकीनन हम कोरोना के खिलाफ यह जंग जीत कर रहेंगे.


उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कोरोना के कारण उत्पन्न मौजूदा हालात से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. ओलावृष्टि और लॉकडाउन के दौरान हुई क्षति को देखते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. इसमें प्रमुख सचिव कृषि और प्रमुख सचिव खाद्य को शामिल किया गया है. यह कमेटी आर्थिक रूप से सहयोग के लिए एक योजना तैयार करेगी. साथ ही गेंहू और आलू की फसल के नुकसान का भी आंकलन करेगी. इस असर को न्यूनतम रखते हुए हालात सामान्य होते ही यथा शीघ्र इसकी भरपाई कैसे की जाय, इस बाबत रणनीति तैयार की जाएगी.


प्रदेश में 42 कोरोना मरीजों में से 11 लोग ठीक हुए
अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में 42 कोरोना मरीजों में से 11 लोग ठीक हो गए हैं, जिन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है. प्रदेश में 8 टेस्टिंग लैब में काम शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि एक लाख से अधिक फूड पैकेट तैयार किए गए हैं. 20,000 गाड़ियों से 15 लाख लीटर दूध का घर-घर वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं. प्रदेश में हर सरकारी वाहन पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लागू किया जा रहा है. अन्य प्रदेशों से जो मजदूर और कर्मचारी लोग चलकर आ रहे हैं, उनके लिए संबंधित जिले में रहने और भोजन की व्यवस्था की जा रही है. खासतौर से सीमा वाले जिलों के डीएम और पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि लोगों के रुकने, रहने और खाने का समुचित प्रबंध करें.


पुलिस ने 2802 एफआईआर धारा 188 के उल्लंघन में दर्ज की
प्रदेश में पुलिस ने 2802 एफआईआर धारा-188 के उल्लंघन में दर्ज की है. 8649 लोगों का चालान किया गया है. अब तक 2.86 लाख वाहनों की चेकिंग की गई है. आवश्यक वस्तुओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में 18570 मोबाइल वैन और हाथगाड़ी व ठेला मुहैया करवाया गया है. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से 30,125 ग्राम प्रधानों से फोन पर संपर्क किया है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी को निर्देश दिया है कि संयुक्त रूप से अपने-अपने जिलों में पेट्रोलिंग करें. रैन-बसेरा और अन्य आश्रय स्थलों पर खान-पान सामग्री की कमी न होने पाए.


उन्होंने कहा कि आगरा, वाराणसी और लखनऊ में कम्युनिटी किचन शुरू हो गया है. इसके साथ ही जो भी संस्था या संगठन कम्युनिटी किचन शुरू करना चाहते हैं, वे अपने जिले के जिला अधिकारी को आवेदन कर सकते हैं.


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