हवाई पाबंदी लगने से पहले ही कश्मीर घाटी में दाखिल हो गए थे ये लोग
श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद चौधरी ने जानकारी दी है कि विदेशों से लौटे सभी 152 लोगों को ढूंढ लिया गया है और सरकारी क्वारंटाइन में भेज दिया है. जानकारी मिली है कि ये 152 लोग देश में हवाई पाबंदी लगने से पहले ही कश्मीर घाटी में दाखिल हो गए थे. 19 मार्च को जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था. जिस महिला में संक्रमण पाया गया था, वह 16 मार्च विदेश से ही आई थी.
प्रशासन ने उस दौरान अपील की थी कि जो भी लोग विदेश से आएं हैं, वह एयरपोर्ट पर अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दें और क्वारंटाइन में चले जाएं, लेकिन कुछ लोगों ने डर और खौफ की वजह से अधिकारियों को जानकारी नहीं दी थी.
श्रीनगर में कोरोना वायरस से पहली मौत
घाटी में कोरोना वायरस के चलते पहली मौत का मामला सामने आया है. श्रीनगर के एक अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित मरीज ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. डॉक्टरों ने कहा कि श्रीनगर शहर में छाती रोग अस्पताल में इलाज कर रहे कोरोनावायरस से संक्रमित 65 साल के मरीज की मौत हो गई. डॉक्टर ने कहा, "व्यक्ति उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे की बीमारी से पीड़ित था, आज (गुरुवार) तड़के उसने दम तोड़ दिया."
विदेशियों के साथ संपर्क में रहा था मृतक
रोगी एक 'तबलीगी जमात' (धार्मिक प्रचारक) का हिस्सा था और घाटी में वापस लौटने से पहले वह विदेशियों के साथ संपर्क में रहा था. अस्पताल में भर्ती होने से पहले, वह कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर शहर में कुछ जमात में भाग लेने के अलावा स्थानीय डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स के संपर्क में आया था.
संक्रमित रोगी की मौत के साथ ही कोविड-19 से संक्रमित मामलों की कुल संख्या अब तक केंद्र शासित प्रदेश में कुल दस है. इनमें से सात का श्रीनगर और तीन का इलाज जम्मू शहर में चल रहा है.
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