कोरोना वायरसः अनलॉक-1 में पाबंदियों में ढील देने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा 2 साल का बच्चा, दायर की याचिका
दिल्ली में रहने वाले एक दो साल के बच्चे ने अपने पिता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उसने दिल्ली सरकार द्वारा पाबंदियों में ढील देने और कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच नहीं करने को लेकर याचिका दायर करवाई है.
नई दिल्लीः देश की राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच एक अनोखी बात देखने को मिली है. यहां एक बच्चे ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कराई है. हैरान करने वाली बात यह है कि बच्चे की उम्र महज 2 साल की है. बच्चे ने दिल्ली सरकार द्वारा पाबंदियों में ढील देने और कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच नहीं करने के कारण उसे और अन्य बच्चों के समक्ष खतरे को रेखांकित किया है.
दरअसल, दो साल के बच्चे ने अपने पिता के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में बच्चे का कहना है कि बिना लक्षण वाले मरीजों की जांच बंद करने और अस्पतालों में बेड तथा वेंटिलेटर की कमी के कारण स्थिति बिगड़ गई है.
बच्चे ने कहा कि वह एक संयुक्त परिवार में रहता है जिसके सदस्य काम पर जाते हैं. वे दिल्ली सरकार द्वारा सोमवार से प्रभावी "अनलॉक-1" के कारण नियमित दफ्तर जाएंगे जिससे उसे और अन्य बच्चों को तथा दिल्ली के निवासियों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का काफी खतरा है. याचिका को मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की एक पीठ के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
दिल्ली में अब तक कोरोना के कारण 28 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं. जिसमें से 8 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. 11 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित दिल्ली में इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. वर्तमान में 17 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं.
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