Coronavirus: महाराष्ट्र में 2347 नए केस, मुंबई में पॉजिटिव मामलों की संख्या 20000 के पार
महाराष्ट्र में एक दिन में सामने आने वाला ये अब तक सबसे ज्यादा आंकड़ा है. सिर्फ मुंबई में एक दिन में कोरोना वायरस के 1595 मामले आए. इस वायरस की वजह से पूरे महाराष्ट्र में अब तक 1198 लोगों की मौत हुई है.
मुंबई: महाराष्ट्र में रविवार को एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक नए मामले सामने आए. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 2347 नए मरीजों के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33053 हो गई है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस से 63 लोगों की मौत के साथ राज्य में कुल मृतकों की संख्या 1198 हो गई है. उन्होंने बताया कि 24161 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 7688 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई है.
मुंबई में संक्रमितों की संख्या 20 हजार के पार
वहीं सिर्फ मुंबई में एक दिन में 1595 मामले सामने आए. ये एक दिन में आने वाला सबसे ज्यादा मामला है. मुंबई में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की वजह से 38 लोगों की मौत हो गई. अब तक यहां 734 लोगों की इस वायरस की वजह से मौत हो चुकी है. नए मामलों के सामने आने के बाद मुंबई में कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़कर 20150 हो गए हैं.
अधिकारी ने बताया कि नागपुर में रविवार को 20 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 356 हो गई है. उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में मृत लाए गए व्यक्ति के नमूनों की जांच में उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. अधिकारी ने बताया कि नागपुर में कोरोना वायरस से मरने वालो की संख्या अब छह हो गई है जबकि 198 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई है.
महाराष्ट्र में 20 लाख मजदूरों ने घर लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया
महाराष्ट्र में 20 लाख प्रवासी श्रमिकों ने अपने गृह राज्य लौटने के लिए राज्य सरकार के सामने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से अधिकतर बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. यह जानकारी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को दी. देशमुख ने कहा कि उनके कार्यालय को 20 लाख ऐसे लोगों के आवेदन मिले है जो अपने गृह प्रदेश लौटने को इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘गृह विभाग में 20 लाख लोगों ने अपने गृह राज्यों में लौटने के लिए पंजीकरण कराया है. इनमें से अधिकतर बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. देशमुख ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्य रेलगाड़ियों को चलाने के लिए जरूरी मंजूरी नहीं दे रहे हैं.’’
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