नई दिल्लीः आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि देश में इस समय कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए रोजाना कुल जितने नमूनों की जांच हो रही है. उनमें 25-30 प्रतिशत नमूनों की जांच रैपिड एंटीजन जांच पद्धति से की जा रही है.
देश में सोमवार को कोरोना संक्रमण के लिए 6,61,892 नमूनों की जांच की गयी और अब तक कुल 2,08,64,750 नमूनों की जांच की जा चुकी है. देश में प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या 15,119 है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 2.08 करोड़ नमूनों की जांच की गयी है जिनमें करीब 26.5 लाख नमूनों की जांच एंटीजन पद्धति से की गयी है.
भार्गव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि रैपिड एंटीजन जांच में किसी के संक्रमित नहीं होने की सटीक पुष्टि करने की 99.3 से 100 प्रतिशत तक अति उच्च विशिष्टता है, लेकिन उनकी संवेदनशीलता 55 से 85 प्रतिशत के बीच है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने अपने परामर्श में दोहराया है कि अगर किसी व्यक्ति में लक्षण हैं और रैपिड एंटीजन जांच में नतीजे निगेटिव हैं तो पुष्टि के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जानी चाहिए.’’
बता दें कि देश में लगातार बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण अबतक 18 लाख से ज्यादा को संक्रमित कर चुका है. अभी तक 1855746 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. वहीं 38938 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया है कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों में 60 साल से ज्यादा उम्र वाले 50 प्रतिशत से अधिक हैं.
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