कोरोना की दूसरी लहर क्यों है ज्यादा खतरनाक, कैसे कर सकते हैं इससे बचाव, जानें एक्सपर्ट की राय
पिछले 24 घंटों में 81 हज़ार 466 नए केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि 469 लोगों की जान चली गई है. भारत में एक्टिव केस यानी वो मरीज जिनका इलाज चल रहा है, उनकी संख्या 6 लाख 14 हज़ार 696 हो गई, जोकि कुल संक्रमित लोगों का 5 फीसदी है.
नई दिल्ली: भारत में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है. संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 1 करोड़ 23 लाख 3 हज़ार 131 हो गई गई है. जिसमें से 1 करोड़ 15 लाख 25 हज़ार 39 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 लाख 63 हज़ार 396 लोगों की मौत हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत के दस राज्यों में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में जानकारों के मुताबिक मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और हाथ धोते रहने के अलावा वैक्सीनेशन ही इससे बचाव है.
पिछले 24 घंटों में 81 हज़ार 466 नए केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि 469 लोगों की जान चली गई है. भारत में एक्टिव केस यानी वो मरीज जिनका इलाज चल रहा है, उनकी संख्या 6 लाख 14 हज़ार 696 हो गई, जोकि कुल संक्रमित लोगों का 5 फीसदी है. कुछ दिनों पहले तक ये आंकड़े कम थे, कम केस सामने आ रहे थे और मौत भी कम हो रही थी, लेकिन अब स्तिथि बदल गई है. हालात कितने खराब हैं वो इससे समझिए...
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक...
- भारत के दस राज्यों में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश. - वहीं भारत में कुल एक्टिव केस 6,14,696 हैं, जिसमें से 78% एक्टिव केस सिर्फ पांच राज्यों में हैं. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल और पंजाब. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. - पिछले 24 घंटों में रिपोर्ट हुए नए मामलों में 81% मामले आठ राज्यों में हैं. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली और मध्य प्रदेश. - इसी तरह पिछले 24 घंटे में हुई कोरोना से मौत के 83% केस सिर्फ 6 राज्यों में हैं.
इन आंकड़ो से आप समझ गए होंगे कि मामले किस रफ्तार से और कहां बढ़ रहे हैं. जानकारों के मुताबिक भी इस बार पिछली बार से ज्यादा तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, जो पिछले साल नहीं थे.
एम्स के डॉक्टर संजय राय ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि केस तेजी से बढ़ रहे हैं और काफी रफ्तार से बढ़ रहे हैं और इसमें कोई शक नहीं है कि दूसरी लहर आ चुकी है. जिस तरह से कुछ राज्यों और उसमें भी खास तौर पर कुछ शहरों में जिस तरीके से बिहेव कर रहा है, यह चिंता का विषय है."
एम्स के डॉक्टर पुनीत मिश्रा ने कहा, "जो दूसरी लहर आ रही है, उसमें काफी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं और इस बार खास बात देखी गई है, जो मामले बढ़ रहे हैं, वह इस तेजी से बढ़ रहे हैं, जो पहले नहीं थे. इस बार काफी तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं और इस बार कई लोगों में यह बीमारी देखी जा रही है. इंफेक्शन बढ़ रहा है, लेकिन मृत्यु दर कम है."
कोरोना के मामले क्यों बढ़ रहे हैं इस पर जानकारों का कहना है कि कई वजह हो सकती है. पहली है लोगों का बर्ताव. लोग इस तरह हाल में बर्ताव करने लगे जैसे कोरोना खत्म हो चुका है. कोरोना में कोविड बिहेवियर का पालन नहीं हो रहा है. इसके अलावा म्युटेशन है, लेकिन अभी इसको लेकर पुख्ता सबूत नहीं है. ऐसे में जानकारों के मुताबिक जिस तेजी से केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में सिर्फ कोरोना वैक्सीन और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर ही बचा सकता है और इसमें कमी आ सकती है.
सरकार भी बार बार ये बात कह चुकी है कि बढ़ते मामलों को दो ही तरीकों से रोका जा सकता है. ऐसे में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर और वैक्सीन ही बचाव है. वैक्सीनेशन का काम भी काफी तेजी से चल रहा है. भारत में अब तक 83 लाख 6 हज़ार 269 हेल्थकेयर और 93 लाख 53 हज़ार 21 फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. इसके अलावा 52 लाख 84 हज़ार 564 हेल्थकेयर और 40 लाख 97 हज़ार 634 फ्रंटलाइन वर्करों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. वहीं, 45 साल से ज्यादा उम्र के 97 लाख 83 हज़ार 615 लोगों को पहली और 39 हज़ार 401 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र के 3 करोड़ 17 लाख 5 हज़ार 893 लोगों को पहली और 2 लाख 18 हज़ार 741 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है.
एक बात आपको भी याद रखनी है कि वैक्सीन की पहली या दोनों डोज लगने के कुछ वक़्त बाद ही शरीर में एंटीबॉडी बनती है. ऐसे में वैक्सीन लगने से पहले और दोनों डोज के बाद भी आपको सावधानी बरतनी है. इस दौरान भी आपको कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना होगा.
ऐसे में बढ़ते मामले सिर्फ इन दो तरीकों से ही रोके जा सकते हैं. इसमें सरकार के साथ-साथ लोगों को भी हिस्सा लेना होगा. वरना हालात साल 2020 जैसे हो जाएंगे.