नई दिल्ली: कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म करवा कर रास्ता खाली करवा दिया. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यहां पिछले सौ दिनों से सड़क के बीचों बीच प्रदर्शन चल रहा था. लेकिन अब शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म होने से ना केवल कोरोना संक्रमण का जोखिम कम हुआ है बल्कि ये सड़क खुलने से नोएडा, दक्षिणी दिल्ली, बदरपुर, फरीदाबाद के लोगों को राहत मिली है साथ ही शाहीन बाग के दुकानदारों की मुराद भी पूरी हुई है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद यहां पहले की तरह ही आवागमन और व्यापार हो सकेगा.


शाहीन बाग वाली सड़क हरियाणा दिल्ली और यूपी को जोड़ती है


दक्षिण पूर्वी दिल्ली में सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच की इस 13 A रोड पर ठीक सौ दिनों के बाद गाड़ियां चलनी शुरू हुई है. ये सड़क तीन राज्यों यानी हरियाणा दिल्ली और यूपी को जोड़ती है. आम दिनों में रोज यहां से हजारों गाडियां गुजरती हैं. लेकिन पिछले साल दिसंबर के मध्य में यहां नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़क के बीचों बीच प्रदर्शन शुरू हो गया नतीजतन सड़क को ठप कर यहां का ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया.


सौ दिनों तक बन्द रहा ये रूट 

शाहीन बाग के प्रदर्शन के कारण सौ दिनों तक ये रूट बन्द रहा. आने-जाने वाले लोगों की परेशानी जारी रही. व्यापार ठप रहा. फरीदाबाद, बदरपुर से नोएडा जाने वाली गाड़ियां और नोएडा से दिल्ली आने वाली गाड़ियों को लम्बा चक्कर लगाना पड़ता था और जाम में फंसना पड़ता था.रोजाना आने जाने वालों के अलावा एम्स, अपोलो, एस्कॉर्ट्स जैसे हॉस्पिटल जाने के लिए लोग ये रास्ता लेते हैं. ये सड़क नोएडा को सीधा ओखला औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ती है. जाहिर है शाहीन बाग के प्रदर्शन से लोगों को परेशानी के साथ बड़ा बड़ा आर्थिक नुकसान भी हो रहा था.


यहां करीब 200 दुकानें हैं, बड़े शोरूम हैं


सबसे बड़ी मुसीबत शाहीन बाग के दुकानदारों की थी. यहां करीब 200 दुकानें हैं, बड़े शोरूम हैं जिनका शटर प्रदर्शन के कारण साढ़े तीन महीने से बंद पड़ा है. इन दुकानदारों ने पुलिस से गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.


नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की जिद लेकर बैठे प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों तक ने की लेकिन कोई असर नहीं पड़ा. कोरोना के संक्रमण के खतरे के माहौल में भी प्रदर्शन जारी रहा तो फिर पुलिस ने दखल देकर प्रदर्शनकारियों को हटाया तब जा कर ये सड़क खाली हुई. प्रदर्शनकारियों को ना केवल कोरोना संक्रमण के खतरे की वजहसे हटाया गया है बल्कि लॉकडाउन की स्थिति में जरूरी सेवाओं के आवागमन के लिए इस सड़क की अहमियत के कारण भी रोडब्लॉक हटना जरूरी था.

जाहिर है इस रास्ते के बन्द होने से मुसीबत झेल रहे लोगों के लिए ये राहत की खबर है. इंतजार लॉकडाउन खत्म होने का है ताकि आम दिनों की तरह लोग फिर से यहां से हो कर आ जा सकें और यहां की दुकान खुलें.


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