(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: दिल्ली में 3000 नए केस और 63 लोगों की मौत, एक दिन में 1719 मरीज ठीक हुए
मौजूदा समय में दिल्ली में कुल 261 कंटेनमेंट जोन हैं. वहीं 12 हजार से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में हैं. दिल्ली में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 59 हजार 746 हो गई है.
नई दिल्लीः देश की राजधानी में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बीते 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 3 हजार नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंच गई है. दिल्ली में अब तक 59,746 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. वहीं एक दिन में 1719 लोग इलाज के बाद ठीक भी हुए हैं.
यह लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली में तीन हजार या उससे ज्यादा कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं. शनिवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 3,630 नए मामले सामने आए थे, वहीं शुक्रवार को 3,137 नए मामले आए. वहीं बीते 24 घंटे में दिल्ली में 63 मौतें हुई हैं. जिसके बाद दिल्ली में मौत का आंकड़ा 2175 पहुंच गया है.
Delhi reports 3000 new cases, taking the total number of cases to 59,746. Death toll rises to 2175 after 63 deaths were reported today. Number of recoveries till date stands at 33,013. pic.twitter.com/enDv44Ntx8
— ANI (@ANI) June 21, 2020
बता दें कि कोरोना के कारण दिल्ली में कुल 261 कंटेनमेंट जोन हैं. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में फिलहाल 24,558 लोगों का संक्रमण का इलाज चल रहा है जबकि 33,013 लोग या तो इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या शहर से बाहर जा चुके हैं. उसमें कहा गया है कि दिल्ली में अभी तक कुल 3,70,014 नमूनों की जांच की गई है. उसमें कहा गया है कि शहर में 12,106 कोविड-19 मरीज अपने घरों में पृथक-वास में रह रहे हैं.
वहीं दिल्ली सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नहीं हैं या उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं हैं, वे घर में आईसोलेशन का विकल्प चुन सकते हैं.
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को अनिवार्य रूप से पांच दिन तक संस्थागत आईसोलेशन केन्द्र में रहने के फैसले को वापस ले लिया गया था. शनिवार को एक आदेश में कहा गया था, ‘‘संक्रमित पाए जाने वाले सभी लोगों को, उनकी स्थिति का आकलन करने, बीमारी की गंभीरता को देखने और यह पता करने के लिए कि वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं, कोविड केन्द्रों में भेजा जाएगा.’’
आदेश के अनुसार इस सबंध में आकलन किया जायेगा कि दो कमरें, एक अलग शौचालय जैसी पर्याप्त सुविधाएं घर में हों, ताकि परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को इस महामारी से बचाया जा सके. इसमें कहा गया था, ‘‘यदि घर में पर्याप्त सुविधा मौजूद है और व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत नहीं है तो उन्हें कोविड केन्द्र/ सशुल्क पृथक केन्द्र (होटलों) में रहने की पेशकश की जाएगी या फिर वे घर में भी पृथक रह सकते हैं.’’
आदेश में कहा गया, ‘‘जो लोग घर में आईसोलेशन में हैं, उन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित घर में पृथक रहने संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वालों के संपर्क में रहना होगा ताकि स्थिति बिगड़ने की सूरत में उन्हें कोविड अस्पतालों में ले जाया जा सके’’
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के प्रत्येक मरीज को पांच दिन के लिए अनिवार्य रूप से संस्थागत आईसोलेशन में रहने के निर्देश दिये थे लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कड़े विरोध के बाद शनिवार को इस फैसले को वापस ले लिया गया है.
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल बैजल के बीच दो बैठकों के बाद यह घटनाक्रम सामने आया था. आप सरकार ने कहा था कि संस्थागत आईसोलेशन को अनिवार्य किये जाने से काफी गंभीर असर पड़ेगा क्योंकि शहर में उपलब्ध सुविधाएं मामलों की बढ़ती संख्या का बोझ नहीं उठा पाएंगी.
जानिए दिल्ली में होम आइसोलेशन को लेकर क्या कहता है सरकार का आदेश?