नई दिल्ली: कोविड -19 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए सरकार ने 30 करोड़ भारतीयों को चिन्हित किया है, इसे आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान इस बात की सूचना दी. मंत्रालय ने कहा कि, "राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने 30 करोड़ भारतीयों को पहले वैक्सीन शॉट्स देने की सिफारिश की है. आंकड़ों में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ आम लोगों को शामिल किया गया है, जो एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा तय किए गए हैं.


"स्वास्थ्य सेवाओं की सेटिंग में एक करोड़ हेल्थकेयर प्रदाताओं और श्रमिकों, दोनों सरकारी और निजी, राज्य और केंद्रीय पुलिस विभागों के 2 करोड़ कर्मियों, सशस्त्र बलों, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठनों, जिनमें आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक और नगरपालिका कार्यकर्ता, और 27 करोड़ से ऊपर लोग शामिल हैं.


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोविड -19 वैक्सीन के रोल-आउट की तैयारी कर रहा है.


कोरोना वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया को
कोरोना वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया को है. ऐसी उम्मीदें जगी हैं कि कोरोना वैक्सीन से कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोका जा सकता है. देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड के बाद अब हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने सोमवार को नियामक से संपर्क किया. वैक्सीन उम्मीदवार भारत बायोटक ने देश मे बन रही कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के अनुमोदन की मांग की है.


एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत बायोटेक ने प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया है. विषय विशेषज्ञ समिति सभी तीन वैक्सीन उम्मीदवार (फाइजर, सीरम और भारत बायोटेक) को देखेगी, जिसके आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के जरिए आखिरी फैसला लिया जाएगा. कोविड-19 वैक्सीन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति प्रशासन ने कहा है कि 97 फीसदी सरकारी और 70 फीसदी निजी फ्रंटलाइन हेल्थकेयर श्रमिकों का डेटा हासिल हो चुका है. इस पर अंतिम खाका तैयार किया गया है.


वैक्सीन लगाने के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप


शीर्ष सरकारी सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन लगाए जाने के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है. प्रत्येक टीकाकरण केंद्र में तीन अलग-अलग कमरे होंगे. पहले कमरे में लाभार्थी को इंतजार करना होगा. दूसरा कमरा वह जगह है जहां वास्तविक टीका प्रशासन की ओर से लगेगा. वहीं आखिरी में उन्हें अवलोकन कक्ष में भेजा जाएगा, जहां उन्हें 30 मिनट तक बैठना होगा. इस अवधि के दौरान कुछ प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं होती हैं.'


सूत्रों ने कहा है कि चूंकि प्रत्येक टीकाकरण में कम से कम 30 मिनट का समय लगेगा. इसलिए प्रत्येक सत्र में केवल 100 शॉट्स का प्रबंध किया जाएगा. हर सत्र में 100 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. वहीं 30 मिनट के बाद टीकाकरण के प्रतिकूल घटना की रिपोर्ट, अगर कोई हो तो, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करेंगे.


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