नई दिल्ली: सोमवार को अफगानिस्तान से 31 भारतीयों का एक दल राजधानी दिल्ली पहुंचा. दिल्ली एयरपोर्ट से इन लोगों को सीधे आईटीबीपी के छावला स्थित क्वॉरन्टीन सेंटर पहुंचा दिया गया. लेकिन ये कोई साधारण भारतीय नहीं थे. इनमें से 26 आईटीबीपी के ही वे कमांडो हैं जो अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास स्थित महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा में तैनात हैं.


आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय के मुताबिक, इन सभी जवानों सहित बाकी पांच लोगों का एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद छावला कैंप भेज दिया गया. छावला कैंप में से सभी 14 दिन के लिए क्वॉरन्टीन रहेंगे और इस बीच इनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण या फिर संक्रमित पाए गए तो अस्पताल भेज दिया जाएगा. आईटीबीपी के कमांडो अपनी दो साल की पोस्टिंग पूरी कर भारत लौटे हैं और घर पहुंचने से पहले 14 दिन छावला कैंप में ही क्वॉरन्टीन में रहेंगे.


बता दें कि चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद राजधानी दिल्ली में जो पहला क्वॉरन्टीन सेंटर बनाया गया था वो आईटीबीपी का ही था (दूसरा थलसेना का मानेसर में है). अब तक इस सेंटर में चीन और इटली से लाए गए एक हजार से भी ज्यादा भारतीय और विदेशी नागिरकों को क्वॉरन्टीन किया जा चुका है.



सोमवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से पहुंचे 31 भारतीयों के अलावा अभी भी इटली से आए 481 लोग यहां आईसोलेशन में रखे हुए हैं. छावला कैंप में जवानों के एक नव-निर्मित बैरक (हिमवीर आवास) को आईटीबीपी ने रातों रात क्वॉरन्टीन सेंटर में तब्दील कर दिया था.


इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) का मुख्य चार्टर चीन सीमा की निगहबानी है. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से अफगानिस्तान में तालिबान, आईएसएस, हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के खतरे को देखते हुए अफगानिस्तान की राजधानी, काबुल स्थित भारतीय एंबेसी और चार वाणिज्य-दूतावासों (हेरात, जलालाबाद, मजार ए शरीफ और कंधार) की सुरक्षा आईटीबीपी को सौंप दी गई थी. पिछले दस सालों में काबुल दूतावास सहित बाकी वाणिज्य दूतावासों पर आधा दर्जन से ज्यादा आतंकी हमले हो चुके हैं और आईटीबीपी के कमांडो हर बार उनका सफलतापूर्ण मुकाबला कर चुके हैं.


हाल ही में काबुल स्थित गुरुद्वारे पर जो आतंकी हमला हुआ था जिसमें सिख समुदाय के श्रद्धालुओं सहित करीब दो दर्जन लोगों की मौत हो गई थी, वो भी माना जा रहा है कि आतंकी पहले काबुल स्थित भारतीय दूतावास को निशाना बनाना चाहते थे लेकिन वहां की कड़ी सुरक्षा को देखते हुए आतंकियों ने हमला गुरुद्वारे पर कर दिया.