मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में सहारनपुर की एक अदालत ने तब्लीगी जमात के 57 विदेशी सदस्यों को सरकारी अधिकारी के आदेश की अवहेलना का दोषी ठहराया. साथ ही सुनवाई के दौरान जेल में रहने की अवधि को सजा मानकर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया. तब्लीगी जमात के 57 विदेशी सदस्यों में 21 किर्गिस्तान के, पांच थाईलैंड के, चार इंडोनेशिया के, दो मलेशिया के हैं. शेष लोग अन्य देशों से हैं.
सहारनपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) अनिल कुमार ने शनिवार को तब्लीगी जमात के 57 सदस्यों को महामारी रोग अधिनियम-1897 की धारा तीन के तहत जारी आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा-188 (सरकारी अधिकारी के आदेश की अवेहलना) के तहत दोषी ठहराया.
सभी को सहारनपुर के एक रिसॉर्ट में रखा गया है
सीजेएम ने हालांकि, अभियोजन पक्ष की ओर से भारतीय दंड संहिता की धारा -269 और 271 (क्रमश: खतरनाक बीमारी फैलाने जैसे लापरवाही वाले कृत्य और पृथकवास नियमों का उल्लंघन) के तहत लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया. वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपियों को विदेशी अधिनियम की धारा-14 के तहत अनुमति से अधिक समय तक रहने के आरोप से भी बरी कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद तब्लीगी जमात के सभी 57 सदस्यों को रिहा कर दिया गया और उन्हें सहारनपुर के एक रिसॉर्ट में रखा गया है.
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