मुंबई: कोरोना के मामलों को नियंत्रण में लाने के लिए राज्य सरकारें लॉकडाउन लगाती हैं, ऐसे में लोग नियमों का पालन करें, इसके लिए पुलिस जगह जगह नाकाबंदी लगाकर लोगों को समझाती है और ना मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.


पुलिस ने इसी सब के चलते पूरी मुम्बई में 200 के करीब अलग अलग जगहों पर नाकाबंदी की है ताकि चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा सके. मुम्बई पुलिस के आंकड़ों की माने तो पिछले साल मार्च 2020 से लेकर अबतक करीब 30 हजार लोगों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने को लेकर मामला दर्ज हो चुका है.


इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई करने के बावजूद लोग सड़क पर निकलते हैं. सरकार ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर सिमरन ने बताया कि उन्होंने सुना है कि मुंबई पुलिस के कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए और पुलिस वालों को कई जगह पर नाकाबंदी लगानी पड़ती है. इसी वजह से मैं जगह जगह जाकर पुलिस वालों से मिलती हूं और हर पुलिस स्टेशन को बैरिकेड्स डोनेट कर रही हूं ताकि उन्हें नाकाबंदी के समय बैरिकेड्स का प्रोटेक्शन मिले. सिमरन ने अबतक 100 के करीब बैरिकेड्स मुम्बई पुलिस के अलग अलग पुलिस स्टेशन को डोनेट किए हैं.


यह बैरिकेड्स काफी हल्के हैं. इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना बहुत आसान है. यह फोल्ड होता है और अगर इसे खोला जाए तो यह लगभग 13 फिट तक रास्ता को कवर करता है. पहले जहां हमें तीन बैरिकेड्स लगाने पड़ते थे, अब एक लगा सकते हैं और उतना एरिया कवर किया जा सकता है. कम मैनपावर में इस तरह के बैरिकेड्स काफी अहम भूमिका निभाते हैं.


बांद्रा डिवीजन के एसीपी दत्ता भरगुडे ने बताया कि किसी भी नाकाबंदी को करने के लिए बैरिकेड्स बहुत ज्यादा अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में अगर बैरिकेड्स होते हैं तो दूर से ही लोगों को समझ आता है कि पुलिस उस जगह पर है. हमें बहुत से बैरिकेड्स की जरूरत अब भी है, क्योंकि एक बैरिकेड लगभग 10 पुलिस वालों की तरह काम करता है और साथ ही कोई नियम को तोड़ रहा है, तो उसे रोकने में भी बैरिकेड्स काफी हद तक मदद करता है.


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