नई दिल्लीः विशेषज्ञों का मानना है कि ‘रैपिड एंटीजन जांच’ ने दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान की है. दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिये अब तक 9.46 लाख से अधिक जांच की जा चुकी हैं, और विशेषज्ञों ने जांच की अधिक संख्या का श्रेय पिछले महीने शुरू हुई एंटीजन जांच को दिया है.


9 लाख से ज्यादा लोगों की हुई जांच


दिल्ली में 18 जून से रैपिड एंटीजन जांच शुरू हुई थी. राष्ट्रीय राजधानी में अब तक कोरोना संक्रमण के लिए 9,46,777 जांच हो चुकी है जिसका मतलब है कि प्रति दस लाख पर 49,830 नमूनों की जांच की गई है. पिछले 24 घंटे में 17,533 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 12,501 रैपिड एंटीजन जांच और 5,032 आरटी-पीसीआर जांच शामिल हैं.


56 प्रयोगशालाओं में हो रही जांच


दिल्ली में 56 प्रयोगशालाएं (22 सरकारी और 34 निजी) हैं, जिनमें कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है. इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर के डीन डॉ सुमित शर्मा ने कहा कि मामलों को फैलने से रोकने में इस जांच ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सिटी एक्स-रे और स्कैन क्लिनिक के वरिष्ठ प्रबंधक संचालन रतन गुरनानी ने कहा कि सरकार जांच करने में बहुत आगे रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी निरूद्ध क्षेत्रों में जांच की जाये.


उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने सभी जिलों को एक लक्ष्य दिया है, इसलिए अधिक जांच, बेहतर निदान और जल्द परिणाम सामने आ रहे है. आरटी-पीसीआर जांच की संख्या पहले 700-800 से घटकर 400 से 500 प्रतिदिन हो गई है.’’ ‘सीड्स ऑफ इनोसेंस और जेनेस्ट्रिगंस लैब’ के सीओओ चेतन कोहली के अनुसार, तेजी से एंटीजन जांच से नमूनों की प्रक्रिया को तेजी से निपटाने में प्रयोगशालाओं को मदद मिली है.


संक्रमण की दर हुई कम


आकाश अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा, में एचओडी और वरिष्ठ सलाहकार डा राकेश पंडित ने कहा कि पहले चिकित्सा केन्द्र प्रतिदिन 90 आरटी-पीसीआर जांच कर रहे थे, जिनमें से 25 पॉजिटिव रिपोर्ट आती थी. उन्होंने कहा कि अब अस्पताल में प्रतिदिन 50 से 60 जांच प्रतिदिन हो रही है और केवल छह या सात लोग संक्रमित मिल रहे हैं.


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