कश्मीर में कोरोना वायरस की 'अग्रेसिव टेस्टिंग' शुरू, अब रोज़ाना 800 लोगों की हो सकेगी जांच
कश्मीर घाटी में 10 सरकारी अस्पतालों को COVID-19 अस्पताल में बदल दिया गया है और यहां पर मौजूद बेड कैपिसिटी के अतरिक्त अब 1000 और बेड आइसोलेशन में बढ़ा दिए गए हैं.
कश्मीर: देश में लॉकडाउन को तीन मई तक बढाये जाने की घोषणा के साथ ही कश्मीर घाटी में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्टिंग को और तेज़ कर दिया है. आज से अकेले कश्मीर घाटी में प्रतिदिन 800 टेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
कश्मीर के डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज डॉ समीर मत्तो के अनुसार उनके विभाग ने आज से पूरी कश्मीर घाटी में "agressive testing" की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे कोरोना के संदिग्ध मरीजों को रहत मिलेगी जिनके टेस्ट अब तेज़ी से होंगे.
डायरेक्टर के अनुसार COVID-19 के संक्रमण की टेस्टिंग के लिए पिछले पांच दिनों में पूरी घाटी में नए सैंपल कलेक्शन सेंटर शुरू किये गए और टेस्ट करने के लिए 157 लैब तकनीशियन को ट्रेनिंग भी दी गयी. इससे श्रीनगर के SKIMS और सीडी अस्पताल के टेस्ट लैब पर भार कम होगा.
डायरेक्टर के अनुसार अब टेस्टिंग की प्रक्रिया विभिन जिला अस्पतालों में भी उपलब्द रहेगी और यहां पर वीटीएम और अन्य ज़रूरी सामान के साथ साथ मूल लेबोरेटरी भी बना ली गयी है, जिसकी मदद से प्रति दिन 600-800 टेस्ट पूरे कर लिए जाएंगे.
कश्मीर घाटी में 10 सरकारी अस्पतालों को COVID-19 अस्पताल में बदल दिया गया है और यहां पर मौजूद बेड कैपिसिटी के अतरिक्त अब 1000 और बेड आइसोलेशन में बढ़ा दिए गए हैं. आने वाले दिनों में इन सभी अस्पतालों में और वेंटीलेटर भी लगाये जाएंगे, जिससे कोरोना के खिलाफ इंफ्रास्ट्रक्चर और बढ़ेगा.
अभी तक जम्मू कश्मीर में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 278 हो चुकी है और इनमें से 19 लोग ठीक भी हो चुके हैं, जबकि 4 लोगों की मौत कोरोना के संक्रमण से हो चुकी है. लेकिन इससे भी बड़ी चिंता उन 604 लोगों कि है जिनमें कोरोना के लक्षण बहुत ज्यादा है और इनके सम्पर्क में करीब 9000 लोग आए हैं.
इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब सभी कर्मचारियों, जिनमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं, उनकी सभी छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं.
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