एक्सप्लोरर

Exclusive: क्या भारत में कोरोना का पीक आकर चला गया? जानिए AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने क्या कहा

महामारी के इन डरावने आंकड़ों के बावजूद अच्छी खबर ये है कि पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी गई है. साथ ही रोज़ाना आने वाले मामलों से ज्यादा अब ठीक होने वाले लोगों की संख्या है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में दूसरे पायदान पर है. अब तक देश में 61 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 96 हज़ार से ज्यादा इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. महामारी के इन डरावने आंकड़ों के बावजूद अच्छी खबर ये है कि पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी गई है. साथ ही रोज़ाना आने वाले मामलों से ज्यादा अब ठीक होने वाले लोगों की संख्या है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या भारत में कोरोना का पीक आकर जा चुका है? या फिर अभी भी आना बाकी है. इसी तरह के कई ज़रूरी सवालों को लेकर एबीपी न्यूज़ ने एम्स के डायरेक्टर संदीप गुलेरिया से बातचीत की.

संदीप गुलेरिया से पूछे गए तमाम ज़रूरी सवाल और उनके जवाब

भारत में पिछले कुछ दिनों से लगातार केस बढ़ रहे थे, लेकिन अब कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आई है तो क्या पीक आकर जा चुका है या पीक आने वाला है, वहीं कहा जा रहा है कि अगले महीने ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है तो क्या सेकंड वेव आने वाली है?

अगर हम देखें तो पिछले कुछ दिनों में हमारे आंकड़े बढ़ रहे थे, अब कुछ हद तक स्टेबलाइज हुए हैं नंबर, दिल्ली में भी और देश में भी. अगर यही ट्रेंड 10 दिन से 2 हफ्ते के लिए रहता है तो हम यह कह सकते हैं कि हमारा कर्व फ्लैट हो चुका है और फिर धीरे धीरे केस कम होने चाहिए. लेकिन अभी यह कहना मुश्किल है, क्योंकि कुछ दिन और यह ट्रेंड बना रहना चाहिए. अपने पुराने अनुभव से हमें यह पता है कि कुछ दिन केस कम होते हैं और फिर बढ़ सकते हैं. मेरा मानना है कि अभी हमें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. दो कारण हैं, जिसकी वजह से केस बढ़ सकते हैं. एक ये कि अगले महीने से हमारे यहां त्यौहार शुरू हो रहे हैं. दुर्गा पूजा है, दशहरा है और कई त्यौहार हैं जो पूरे देश में मनाए जाते हैं, जहां लोग इकट्ठा होते हैं और अगर लोग ध्यान ना रखें, फिजिकल डिस्टेंस का ध्यान ना रखें, भीड़ हुई तो फिर केस बढ़ सकते हैं. दूसरा यह कि मौसम बदल रहा है. मौसम में ठंड के कारण वायरल इनफेक्शन बढ़ने के चांस होते हैं. इसीलिए अगले महीने हमें ज्यादा सतर्क रहना पड़ेगा. तो अगर हम सतर्क रहें तो केसेस नहीं बढ़ेंगे और आहिस्ता आहिस्ता कम होना शुरू हो जाएंगे.

अगर अभी केस कम हो रहे हैं तो क्या आने वाले दिनों में हम कोई सेकेंड वेव देख रहे हैं, क्योंकि आप कह रहे थे कि अगले महीने और बढ़ने की संभावना है?

यह भी कहना मुश्किल है. अगर केस कम होकर उसके बाद फिर बढ़ना शुरू हो जाए तो हम यह कह सकते हैं कि सेकंड वेब आ सकती है, लेकिन अभी जो केस बढ़ रहे थे, सब्स्टेनल्ली कम होने चाहिए तभी हम आगे सेकंड वेव की बात कर सकते हैं. जैसे हमने दिल्ली में देखा कि केस कम हो गए थे, हफ्ते भर कम रहे, हजार से कम रहे, लेकिन फिर बाद में शुरू हुए, तो उस टाइप का अगर पूरे देश में भी हम अगर एक पैटर्न देखें, तो हम यही कह सकते हैं कि फिर एक सेकंड वेव आ सकती है.

रीइंफेक्शन के केस आने लगे हैं, तो क्या शरीर में एंटीबॉडी नहीं बन पा रही या ज्यादा समय के लिए नहीं रह पा रही, इसे कैसे देखते हैं?

पिछले दिनों में भारत में भी और हांगकांग में भी दोबारा इंफेक्शन के केस रिपोर्ट हुए हैं और एक कन्फर्म केस हैं. और यह भी हम जानते हैं कि जो कोविड-19 के केस हैं, उनमें वेरिएशन है. हमारे बहुत से मरीज हैं, वह असिम्प्टोमैटिक हैं. उन्हें पता भी नहीं होता कि उन्हें कोरोना है और कुछ ऐसे हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है और वह वेंटिलेटर पर आ जाते हैं. और यह भी माना जाता है कि जिनको माइल्ड हैं, उनकी बॉडी में इतना इम्यून रिस्पॉन्स नहीं होता तो हो सकता है कि उनके शरीर में कम एंटीबॉडी बनती हो, जो आहिस्ता कम हो जाती हैं और उनको रिइंफेक्शन के चांसेस हो सकते हैं.

इस पर ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है क्योंकि इसमें दो तीन चीजें सामने आ रही हैं. एक कि जब दोबारा इंफेक्शन होता है तो क्या वह माइल्ड फ़ॉर्म का होता है या सीरियस होगा और उसमें कितने प्रिकॉशन लेने की जरूरत है. दूसरा, इसका वैक्सीन के साथ कितना इंप्लीकेशन है, वैक्सीन कितनी टाइप की स्ट्रांग एबिलिटी देगी, कितने लंबे समय तक रहेगी और उसके बाद इंफेक्शन के चांस कितने हैं. यह 2 सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं और जैसे जैसे इसमें रिसर्च होगी कि क्यों हो रहे हैं और रीइन्फेक्शन किस ग्रुप में हो रहा है, उसमें किस टाइप का है, तो इस बारे में ज्यादा पता चल पाएगा.

क्या आने वाले समय में नंबर बढ़ेंगे और भारत में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज होंगे, हम नंबर वन पर होंगे दुनिया में संक्रमित मरीजों के मामले में?

अगर हम एब्सोल्यूट नंबर की बात करें तो हमारे नंबर बढ़ेंगे, क्योंकि हमारी आबादी इतनी ज्यादा है, जन संख्या बहुत ज्यादा है. हमारी जनसंख्या को अगर हम देखें तो यूरोप के कई देशों को मिलाकर हमारी जनसंख्या है. हम हर साल एक ऑस्ट्रेलिया जोड़ते हैं. तो आंकड़ों के लिहाज से देखें तो हमारे नंबर हमेशा ज्यादा लगेंगे, लेकिन अगर कैस्पर मिलियन यानी प्रति 10 लाख आबादी में देखें, तो हमारे नंबर उतनी ज्यादा नहीं हैं. लेकिन एब्सोल्यूट नंबर में हम बढ़ेंगे और हो सकता है कि हम यूएसए को भी पार कर जाएं.

फेफड़ों पर बहुत असर कर रहा है यह वायरस, कितना खतरनाक हो सकता है? और क्या जो लोग असिम्प्टोमैटिक हैं, उनको भी यह खतरा है?

पहले यह माना जाता था कि कोविड-19 सिर्फ एक लंग्स की प्रॉब्लम है, लेकिन अभी और जगहों पर भी असर डाल सकता है, फिर चाहे हम हार्ट, ब्रेन या अतड़ियों की बात करें. लेकिन इसका फोकस अभी भी फेफड़ों पर है और पहले यह देखा जा रहा था कि लोग ठीक हो जा रहे थे, लेकिन अब लोगों को, जब हम फॉलो कर रहे हैं, तो देखने में आया है कि उनके फेफड़ों में स्कार रह जाता है. आपको कोविड-19 की वजह से निमोनिया हुआ, तो निमोनिया जब ठीक हुआ तो कुछ लोगों में उसका जख्म रह गया, जिससे फेफड़ों की कैपेसिटी कम हो गई और उसके कारण आपकी ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम हो गई. इससे लोगों को ऑक्सीजन घर पर लेना पड़ रहा है. थोड़ा चलने पर सांस फूल जा रही है, ये पोस्ट कोविड-19 लंग फाइब्रोसिस है, यह अब देखने को मिल रहे हैं, क्योंकि आपके साथ ज्यादा आ रहे हैं और लोग जब ठीक हो रहे हैं, तो हम यह देख रहे हैं, उन मरीजों में जो ज्यादा गंभीर थे, उनके फेफड़ों में जो स्कारिंग होती है वह खत्म नहीं होती और इनको बाद में फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कई दवाइयों की जरूरत पड़ जाती है और रिहैबिलिटेशन की जरूरत पड़ती है. तो जैसे जैसे किस बढ़ेंगे, इसकी संख्या भी बढ़ेगी और इन लोगों को लंबे समय तक ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ेगी.

वैक्सीन को लेकर आप क्या संभावनाएं देखते हैं, कब तक आने की आपको उम्मीद लगती है?

वैक्सीन के ट्रायल अभी भी चल रहे हैं, एम्स में भी चल रहे हैं. अभी तक जो नतीजे हैं, वह उत्साहवर्धक हैं. वैक्सीन के सेफ्टी पॉइंट ऑफ यू से, अब हम डाटा इकट्ठा कर रहे हैं कि वैक्सीन कितनी इफेक्टिव है और वह कितनी इम्युनिटी दे रही है, जिनको वैक्सीन लगी है. इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों को देंगे यह देखने के लिए कि वह कितनी प्रोटेक्शन दे रही है. वैक्सीन सेफ है, दूसरा यह है कि वह इम्यूनिटी दे रही है, मतलब आपके शरीर में एंटीबॉडी बन रही हैं, लेकिन उसके बाद जो अगला स्टेप है, कितनी इफेक्टिव है. जब आपको एक्स्पोज़र हुआ तो उसने कितनी प्रोडक्शन दी. सौ फ़ीसदी दी या 50 फ़ीसदी दी. यह जो डाटा आएगा तब हम वैक्सीन को आगे ले जा पाएंगे. इसमें दो-तीन महीने का वक्त लगेगा और उसके बाद जो सबसे बड़ा कदम है, अगर वैक्सीन आ भी गई तो उसकी मास स्केल प्रोडक्शन कैसे करेंगे, डिस्ट्रीब्यूशन कैसे करेंगे, जिससे जिन्हें हमें जरूरत है देने कि उन्हें मिल पाए. तो इन सारी चीजों में मुझे लगता है कि वक्त लगेगा और मेरा मानना है सब कुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन हमारे पास आ पाएगी.

कोरोना के साथ डेंगू और मलेरिया के केस भी अब सामने आने लगे हैं, तो क्या सलाह देंगे आप लोगों को, कैसे और कितनी सावधानी बरतें?

हम यह देख रहे हैं कि किसी को कोविड-19 और साथ में डेंगी भी हो गया है. इसका मैनेजमेंट करना बहुत कॉम्प्लिकेटेड हो जाता है. क्योंकि कोविड-19 हम दबा देते हैं, खून पतला करने के लिए ताकि क्लॉटिंग ना हो और हमें पता है, डेंगी में प्लेटलेट कम होती हैं, इंटरनल ब्लिडिंग के चांस होते हैं, तो दोनों चीजे एक साथ हो जाती हैं तो उसमें पेशेंट को ट्रीटमेंट देना काफी मुश्किल होता है. मैं यही कहना चाहता हूं कि हमें पूरी तरह से ध्यान रखना होगा. डेंगी और मलेरिया ना फैले. हमें पता है यह बीमारी मच्छरों से फैलती है, तो मैं सब लोगों को यही कहूंगा की सब लोग अपने घर और आसपास से देखें कि कहीं भी पानी जमा ना हो, मॉस्किटो ब्रीडिंग ना हो कहीं भी. डर के मारे जो लोग इंस्पेक्टर को अंदर नहीं आने देते, फुमिगेशन करने के लिए तो आप अपनी तरफ से जिम्मेदारी समझे कि अगर हमारे इलाके में डेंगू भी हो गया और कोविड-19 भी, तो बहुत ज्यादा समस्या होगी. इसीलिए बहुत एहतियात बरतने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: ड्रग्स केस: वकील ने बताया क्यों सुशांत को छोड़कर गई थी रिया? NCB ने भी अभिनेत्री को लेकर किया ये दावा 

मुंबई: एक्टर अक्षत उत्कर्ष की संदिग्ध हालत में मौत, परिवार ने पुलिस पर लगाया जांच नहीं करने का आरोप 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, कहा- 'धार्मिक सौहार्द को...'
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, जानें क्या कहा?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: नहीं थे इंतजाम...फिर क्यों किए दावे तमाम? | Breaking NewsNew Delhi Railway Station Stampede: 3 ट्रेन.. 1 प्लेटफॉर्म.. तय था मौत का तूफान! | Breaking NewsDelhi Railway Station Stampede: प्रयागराज से दिल्ली..बदला कुछ नहीं! नई दिल्ली भगदड़ के 'वो' विलेन!Sandeep Chaudhary: कोई नहीं कसूरवार.. जनता अपनी जान की खुद कसूरवार ! Delhi Railway Station Stampede

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, कहा- 'धार्मिक सौहार्द को...'
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, जानें क्या कहा?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
हैवी ड्राइवर! लैपटॉप चलाते हुए कार ड्राइव कर रही महिला का हुआ मोटा चालान, वायरल हो रहा वीडियो
हैवी ड्राइवर! लैपटॉप चलाते हुए कार ड्राइव कर रही महिला का हुआ मोटा चालान, वायरल हो रहा वीडियो
IPL 2025 DC Schedule: 25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
Myths Vs Facts: क्या पीरियड्स में गड़बड़ी गंभीर बीमारी के हैं लक्षण?  जानें क्या है पूरा सच
क्या पीरियड्स में गड़बड़ी गंभीर बीमारी के हैं लक्षण? जानें क्या है पूरा सच
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.