Coronavirus: कोरोना के खतरों के बीच केंद्र ने स्कूलों को लेकर राज्यों को दी ये खास सलाह
Coronavirus: कोरोना के खतरों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों में बच्चों को साबुन और पानी मुहैया कराएं. साथ ही कहा है कि स्वच्छता के बारे में भी बताएं.
Coronavirus: दुनिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भारत में भी सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. राज्यों से एक तरफ जहां जीनोम सिक्वेंसिंग की बात कही गई है वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बच्चों के लिए खास सावधानी बरतने के लिए कहा है. केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि देश भर के सभी स्कूलों में छात्रों को हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था कराएं. इसके अलावा उन्हें स्वच्छता शिक्षा भी दें. इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.
शिक्षा मंत्रालय ने कहा, "स्कूलों में ढांचागत बुनियादी सुविधाओं के तहत सुरक्षित पेयजल और सरकारी स्कूलों में समग्र स्वच्छता बनाए रखना लंबे समय से सरकार की प्राथमिकता रही है. स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) और जल जीवन मिशन (JJM) जैसे मिशन लागू किए गए, लेकिन लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए अभी एक लंबा रास्ता तय करना है."
स्कूलों में शौचालयों की व्यवस्था करें
ओडीएफ प्लस के तहत यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गांव के सभी स्कूलों में बायोडिग्रेडेबल वेस्ट और ग्रे वाटर के प्रबंधन की व्यवस्था हो. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि स्कूलों में सभी शौचालय उचित कार्य करने की स्थिति में हैं. हालांकि, उनमें से कुछ को सिंगल पिट्स से ट्विन पिट्स तक रेट्रोफिटिंग की आवश्यकता हो सकती है. यह सिंगल पिट्स से ट्विन पिट्स तक रेट्रोफिटिंग के चल रहे अभियान के हिस्से के रूप में किया जा सकता है.
हाथ धोने के लि पानी और साबुन जरूर होना चाहिए
इसके अलावा, सभी स्कूलों में साबुन के प्रावधान के साथ हाथ धोने की सुविधा होनी चाहिए और बच्चों को स्वच्छता के बारे में बताया जाना चाहिए. इसके लिए प्रत्येक स्कूल में कम से कम एक शिक्षक को स्वच्छता शिक्षा में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए जो बदले में बच्चों को दिलचस्प गतिविधियों और सामुदायिक परियोजनाओं के माध्यम से प्रशिक्षित करे. स्कूलों में स्वच्छता शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक स्तर पर किताबों में एक अध्याय शामिल किया गया है.
स्कूलों-आंगनबाड़ी केंद्रों को दिया गया निर्देश
बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और आश्रम शालाओं में सुरक्षित नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए 2 अक्टूबर, 2020 को एक अभियान शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से महामारी के समय सुरक्षित पेयजल की सुनिश्चित आपूर्ति करना था. अब तक, यूडीआईएसई+ 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 10.22 लाख सरकारी स्कूलों में से 9.83 लाख [96% लगभग] सरकारी स्कूलों में पेयजल सुविधा प्रदान की गई है.
योजनाओं के लिए धनराशि दी जाएगी
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों के लिए गांव में जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे के पूरा होने की प्रतीक्षा करने के बजाय स्टैंड-अलोन पाइप्ड जल आपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए.केंद्र ने राज्यों से बच्चों के समग्र स्वास्थ्य और भलाई के लिए सुरक्षित पानी के महत्व को देखते हुए इन परियोजनाओं को तेजी से ट्रैक करने को कहा.
इन योजनाओं के लिए 15वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, मनरेगा, जिला खनिज निधि और अन्य किसी भी स्रोत के तहत जारी की जा रही धनराशि से शौचालय, हाथ धोने की सुविधा या पीने के पानी की सुविधा, स्कूलों के मरम्मत या निर्माण के लिए धन की किसी भी आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है.
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