'Vaccine Passport' क्या है? भविष्य में क्यों आपके पास इसका होना जरूरी है- जानिए सबकुछ
Vaccine Passport: भविष्य में ट्रैवल करने के लिए आपको वैक्सीन पासपोर्ट की जरूरत हो सकती है. कई देशों और कई बड़ी कंपनियों ने अपने यहां वैक्सीन पासपोर्ट को लागू करने के लिए काम शुरू कर दिया है. आखिर वैक्सीन पासपोर्ट क्या है और क्यों ये आपके लिए अनिवार्य हो सकता है, जानिए सबकुछ.
Vaccine Passport: पिछले साल यानी साल 2020 में दस्तक देने वाले जानलेवा कोरोना वायरस ने सबकुछ बदलकर रख दिया. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में इसने सबसे ज्यादा कहर बरपाया. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा. अमेरिका, भारत और ब्रिटेन समेत कई बड़े देशों ने इसको फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का एलान किया और कई देशों ने अपने यहां दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर बैन लगा दिया. हालांकि अब स्थिति पहले से काफी हदतक सुधर चुकी है. कई देशों ने अपने यहां टीकाकरण यानी वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है. अब जब स्थिति सामान्य होने लगी तो एक शब्द का शोर सुनाई देने लगा है. वो शब्द है ‘वैक्सीन पासपोर्ट’. जानिए वैक्सीन पासपोर्ट क्या है और ये भविष्य में आपके लिए क्यों जरूरी है.
वैक्सीन पासपोर्ट क्या है?
आसान भाषा में कहें तो अपने देश से कई दूसरे देशों में जाने के लिए अभी आपको पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है. इसी तरह कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले कुछ दिनों में अमेरिका समेत कुछ देश एक डिजिटल पासपोर्ट तैयार करेंगे, जो नागरिकों को यह दिखाने के लिए बाध्य करेगा कि उन्होंने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है. ऐसे में दूसरे देशों में ट्रैवल करने के लिए आपके पास ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का होना जरूरी हो जाएगा. ये नया ‘न्यू नॉर्मल’ होगा.
क्या आ सकती हैं दिक्कतें?
लगातार डिजिटल हो रही इस दुनिया में सभी को अपना डेटा लीक होने का डर है. हाल ही में फेसबुक और व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगे कि इनके इस्तेमाल से यूजर्ट का डेटा लीक हो रहा है. ऐसे में वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर सबसे बड़ी चिंता इसकी गोपनीयता को लेकर होगी. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ एक दस्तावेज के रूप में आएगा या इसके लिए कोई एप बनेगी. बताया जा रहा है कि ट्रैवल के अलावा कॉन्सर्ट वेन्यू, मूवी थिएटर, दफ्तर आदि में भी अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा.
वैक्सीन पासपोर्ट पर WHO का क्या रुख है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO ने कहा है कि ये एक तरह का डिजिटल हेल्थ पास कहा जा सकता है. कई कंपनियों में इसके लिए स्मार्टफोन ऐप और सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग का काम शुरू हो चुका है. कॉम ट्रस्ट नेटवर्क और आइबीएम जैसी कई कंपनियों ने इस दिशा में पहले ही काफी काम पूरा कर लिया है.
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