महाराष्ट्र के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग नई कवायद करने जा रहा है. अब रोजाना के कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों के 5 फीसद पर जीनोम सिक्वेंस होगा. ये रोजाना जीनोम सीक्वेंसिंग के 50-70 नमूनों में बदलेगा, जिससे कोरोना वायरस में वायरल म्यूटेशन को चेक किया जा सकेगा.


महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों ने बढ़ाई चिंता 


डॉक्टर प्रदीप अवाटे का कहना है कि इस मौके पर वायरल म्यूटेशन को खारिज करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है. जहां कहीं भी मामलों के समूह उजागर होंगे, वहां जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी. मुंबई, अमरावती, यवतमाल, सतारा, रत्नागिरी, अकोला, परभणी जिलों में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान संक्रमण मामले या पॉजिटिव दर में उछाल देखा गया है.


मुंबई में लोकल ट्रेन सेवाओं का आम जनता के लिए दोबारा चालू करना रोजाना कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी की वजह मानी गई है. फरवरी के पहले सप्ताह में एक दिन में औसत 415 मामलों से बढ़कर दूसरे सप्ताह में रोजाना नए मामलों की संख्या 516 हो गई है. सोमवार को मुंबई में 493 कोरोना वायरस संक्रमण के ताजा मामले दर्ज किए गए. हालांकि, रविवार को उजागर हुए 465 मामलों से कम संख्या है.


स्वास्थ्य अमला जीनोम सिक्वेंसिंग करने की तैयारी में 


एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दक्ष शाह ने बताया, "हमें 400-500 मामलों के बीच होने की उम्मीद है और ये बढ़ सकता है. हम तेजी से फैलनेवाली घटनाओं की तलाश कर रहे हैं और अधिकारियों को माइक्रो मैपिंग करने को कहा है, जिससे पता लगे कि क्या मामलों का समूह कोई घटना या ट्रेन यात्रा से तो नहीं है. इन सभी मामलों की समीक्षा जारी है, लेकिन लोकल ट्रेन की वजह से स्पष्ट बढ़ोतरी का स्पष्ट अभी स्थापित किया जाना है."


उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस जांच में पॉजिटिव पाए गए लोग भी अपनी यात्रा या भीड़ में शिरकत की जानकारी साझा नहीं कर रहे हैं, जिससे निगम कर्मियों का काम मुश्किल हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय रेलवे स्टेशनों के नजदीक फेस मास्क का यात्रियों को लगाने के लिए सतर्कता सख्त है. लेकिन लोग मास्क पहनने और भीड़भाड़ से बचने के प्रति पहले की तरह सावधान नहीं हैं.


ये भी मामलों की बढ़ोतरी के पीछे एक कारण हो सकता है. एक अधिकारी ने बताया कि अप्रत्याशित वद्धि वायरस में आए जेनेटिक बदलाव की वजह से हो सकती है. अब तक, महाराष्ट्र में ब्रिटिश वैरिएन्ट के 12 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि तीन मामलों में दक्षिण अफ्रीकी वैरिएन्ट पाया गया. कोरोना वायरस के दोनों वैरिएन्ट्स वायरस को तेजी से फैलानेवाले माने जाते हैं. लेकिन 15 मामलों में से किसी एक का भी अब तक तेजी से फैलनेवाली घटना का संबंध नहीं जोड़ा गया है.


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