कोरोना वायरस को धोने के लिए सेना की रेड हॉर्न डिवीजन ने तैयार किया 'हैड्स फ्री वॉटर डिस्पेंसर'
इसके इस्तेमाल से लिक्विड सोप और टोटी खोलने को लेकर नहीं होगा कोई डर.हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें हाथ धोने से भी लोग चिंतित थे.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लगातार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है. लेकिन लोगों को बार-बार हाथ धोने में पानी की टोटी (नलका) और लिक्विड-सोप के डिस्पेंसर को छूने तक में डर लग रहा है. ऐसे में सेना ने इसका तोड़ निकाला है जिससे पानी की एक टंकी और सोप-डिस्पेंसर को हाथ से छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे पैर और यहां तक की जूते पहने पांव से आसानी से चलाया जा सकता है. भारतीय सेना की 'रेड हॉर्न' डिवीजन का एक वीडियो इनदिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक जवान कहीं फील्ड-ड्यूटी में अपने हाथ धो रहा है. लेकिन उसके लिए वो अपने हाथ का इस्तेमाल नहीं करता है. बल्कि बूट पहने पांव से पानी की टंकी में लगी टोटी को चलाता दिख रहा है. यहां तक की ये जवान लिक्विड-सोप निकालने के लिए भी पांव का इस्तेमाल करता दिख रहा है.
ये सबकुछ सेना की स्थानीय यूनिट ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 'इनोवेशन' या यूं कहें कि जुगाड़-तकनीक का इस्तेमाल किया है. क्योंकि इस तकनीक में लोहे के एक पाइपनुमा पत्ती और दो छोटे पंप का इस्तेमाल किया गया है. इस पानी के बड़े से प्लास्टिक के टैंक पर लिखा भी है 'रेड हॉर्न हैंड्स फ्री एंटी-कोविड वाटर डिस्पेंसर'. यानि इन पानी के टैंक को खासतौर से कोरोना वायरस यानि 'नोवेल कोविड-19' वायरस से लड़ने के लिए तैयार किया गया है.
सेना की रेड हॉर्न डिवीजन असम के रंगिया में तैनात है. 21वीं माउंटेन डिवीजन के नाम से जाने जानी वाली ये डिव असम में एंटी-इंसर्जेंसी ऑपरेशन और चीन सीमा की रखवाली करती है. सेना की हर इकाई में ईएमई यानि इलेक्ट्रिकल (इलेक्ट्रोनिक) एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर के अधिकारी होते हैं जो इस तरह के इनोवेशन के लिए खासे जाने जाते हैं. साथ ही सेना की हर इकाई में 'ट्रेड्समैन सोल्जर' नाम के जवान होते हैं जो दर्जी, पेंटर, कारपेंटर और मैकेनिक तक का काम करते हैं. ये सेना के सभी टेक्निकल काम करते हैं.
Fauji style innovation, so no contact with tap or soap-dispenser#CoronaKoDhona #coronavirus pic.twitter.com/9TpDakvREF
— Neeraj Rajput (@neeraj_rajput) March 21, 2020
आपको बता दें हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें हाथ धोने से भी लोग चिंतित नजर आ रहे थे, क्योंकि हाथ धोने के दौरान टोटी और लिक्विड सोप डिस्पेंसर को हाथ से छूना पड़ रहा था. हालांकि बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि इस तरह के वाटर-डिस्पेंसर पहली बार सामने आए हैं. सेना की फील्ड-ड्यूटी में इस तरह के वॉश-बेसिन दिखाई पड़ते रहते हैं जो हाथ की बजाए पैर से ओपरेट होते हैं. राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर परेड देखने आए दर्शकों के लिए भी सेना के ऐसे ही मूवेबल-वॉशबेसिन दिखाई पड़ते हैं.
आपको यहां पर ये भी बता दें कि सेना के दिल्ली स्थित आर्मर्ड फोर्सेज़ क्लीनिक के कमांडेंट, ब्रिगेडियर नरेंद्र कोतवाल ने कोरोना वायरस पर जीत के लिए 'कोरोना कॉनक्वेस्ट' नाम की कविता लिखा है जिसमें दिमाग को शांत रखने का आहवान किया गया है.
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