नई दिल्ली: सेना ने कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में अगले महीने आपातकाल लागू करने की संभावना से जुड़े सोशल मीडिया संदेशों को फर्जी करार देते हुए खारिज कर दिया है. सेना के अधिकारियों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सेवानिवृत कर्मियों, नेशनल कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत पंजीकृत स्वंयसेवकों की मदद लेने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.
सेना के जन सूचना विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपीआई) ने ट्वीट किया, 'सोशल मीडिया पर अप्रैल के मध्य में देश में आपातकाल लगाने और नागरिक प्रशासन में मदद के लिये भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों, एनसीसी और एनएसएस की सहायता लेने के फर्जी और दुर्भावनापूर्ण संदेश फैलाये जा रहे हैं. ' एडीजीपीआई ने ट्वीट किया, 'स्पष्ट किया जाता है कि यह पूरी तरह फर्जी हैं.'
देश में कोरोना के मामले 1200 के पार
देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1263 हो गई है. इसमें 29 लोगों की मौत हुई है और 102 लोग ठीक हुए हैं. सबसे अधिक मामले केरल के हैं, जहां 234 लोग COVID-19 से संक्रमित हुए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में COVID 19 के 92 मामले आए हैं और चार लोगों की मौत हुई है. भारत में अब तक 29 लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन तोड़ेंगे तो लड़ाई नाकाम हो जाएगी. लॉकडाउन का पालन करें. विकसित देश के मुकाबले हमारे यहां मामले कम हैं. दुनियाभर में देखें तो एक व्यक्ति ने 100 लोगों को संक्रमित किया और महामारी तेजी से फैली.
इसके साथ ही सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में फिलहाल प्रभावी 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है. यह बयान ऐसे समय आया है जब आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए देशभर में कारोबार ठप पड़ने से गंभीर आर्थिक संकट एवं सामाजिक तनाव उत्पन्न हो सकता है.