नई दिल्ली: देश के कई दूसरे शहरों की तरह दिल्ली में भी नाइट कर्फ्यू लगाने की बात कही जा रही थी. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि कोरोना संक्रमण की दर का आकलन करने के बाद दिल्ली या इसके कुछ हिस्सों में रात का कर्फ्यू नहीं लगाया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि यह सभी आवश्यक उपाय कर रही है और राष्ट्रीय राजधानी में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है.


होई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 3 दिसंबर से पहले स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था. हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार ये तय करे कि दिल्ली या दिल्ली के कुछ हिस्सों में नाइट कर्फ्यू लगाने की जरूरत है या नहीं.


 इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संक्रमण के मामलों से निपटने के लिए ‘जांच और संपर्क का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करे.

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की एक पीठ ने कहा कि जांच परिणाम बताने का समय अभी 48 घंटे या उससे ज्यादा है, जिसे 24 घंटे के भीतर किया जाना चाहिए.

दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर में और आएगी गिरावट


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जानकारी दी थी कि दिल्ली में संक्रमण दर में नवंबर की शुरुआत के बाद करीब 55 फीसदी की गिरावट आई है और अगले दो हफ्तों में इसमें और गिरावट आएगी. उन्होंने बताया था कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर सात नवंबर को 15.26 फीसदी से घटकर 7.35 फीसदी पर आ गई है.


बता दें कि 25 नवंबर को गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने आकलन के आधार पर कोरोना संक्रमण के प्रसार को थामने के लिए रात का कर्फ्यू जैसी स्थानीय पाबंदियां लगा सकती है.