नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलान किया कि अगर किसी स्वास्थ्य कर्मी (डॉक्टर, नर्स या सफाई कर्मी) की मौत कोरोना वारयस के मरीजों की देखभाल के दौरान होती है तो उनके परिवार को एक करोड़ रूपये की रकम दी जाएगी. चाहे वे सरकारी क्षेत्र या फिर प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्य कर्मी हों. कोविड 19 के लिए बनाए गए अस्पतालों के एमएस और प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए मुख्यमंत्री ने एक बैठक की जिसमें ये फैसला लिया गया. सरकार ने कहा कि कोरोना की जंग में लड़ रहे डॉक्टरों को शहीदों जैसा सम्मान मिलेगा.
दिल्ली में कोरोना वायरस के मौजूदा हालात
बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस के अब तक 121 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के दो रेजिडेंट डॉक्टर्स के कोविड 19 का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है. इसमें एक डॉक्टर और थर्ड ईयर की पीजी छात्रा (बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट) शामिल है. छात्रा का विदेश का ट्रैवल हिस्ट्री है. अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी.
उधर दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की बिल्डिंग को सैनिटाइज किया जा रहा है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि निजामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को ख़ाली करा लिया गया है. इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले. इसमें से 617 को अस्पतालों में और बाक़ी को क्वॉरन्टीन में भर्ती कराया गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘’ क़रीब 36 घंटे के इस ऑपरेशन में मेडिकल स्टाफ, प्रशासन, पुलिस, डीटीसी स्टाफ सबने मिलकर, अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. इन सबको दिल से सलाम.’’
दिल्ली के सभी मोहल्ला क्लिनिक को भी सैनिटाइज किया जा रहा है. दिल्ली सरकार की तरफ से क्लिनिक में मास्क और सैनिटाइजर बांटे जा रहे हैं. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार 2700 फूड सेंटर्स बनाने जा रही है ताकि बारह लाख लोगों को खाना खिलाया जा सके.