नई दिल्ली: भारत में जल्द गर्मी बढ़ेगी और लोग एसी का इस्तेमाल शुरु कर देंगे, लेकिन क्या एसी के चलने से कोरोना वायरस फैलता है. वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की माने तो एसी के चलने से इसके फैलने का खतरा होता है. हालंकि सबसे ज्यादा खतरा सेंट्रल एयर कंडीशनिंग यूनिट से है.


हाल ही में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने एक स्टडी की है जिसमें यह पाया गया है कि चीन में एक रेस्टोरेंट में खाना खाने आए लोग एसी की वजह से संक्रमित हो गए. चीन के गुंगझाहो शहर में एक रेस्टोरेंट में वहां से लौटा एक शख्स अपने परिवार समेत पहुंचा था. वहीं उनके पास की टेबल पर दो और परिवार खाना खा रहे थे. वहां से लौटकर आए शख्स में उसी दिन कोरोना के लक्षण दिखने लगे और बाद में वो कोरोना पॉजिटिव पाया गया.


वहीं पास के टेबल पर बैठकर खाना खा रहे परिवार के लोग भी कोरोना वायरस संक्रमित हो गए. जब इसकी ट्रैकिंग और वजह पता की गई तो सामने आया कि जो शख्स वुहान से लौटा था और बाद में कोरोना संक्रमित हुआ वो रेस्टोरेंट में मौजूद था और वहां पर सेंट्रल एयर कंडीशनिंग यूनिट थी और वेंटिलेशन के लिए और कुछ नहीं था. वहीं आसपास के टेबल भी ज्यादा दूरी पर नहीं थे. ऐसे में उसके ड्रॉपलेट्स हवा में फैल गए और सेंट्रल एयर कंडीशनिंग की वजह से पास में बैठे लोग उस से संक्रमित हुए.


माना जा रहा है कि इन सभी को कोरोना की वजह एसी है जिसमें संक्रमित शख्स की खासी ठीक से पहले वायरस एसी के तेज एयर फ्लो की वजह से जल्दी से फैल सके होंगे. ‌वैसे सामान्य तौर पर ये वायरस संक्रमित की खांसी, खखार या छींक से निकले वॉटर ड्रॉपलेट के साथ हवा में तैरते हैं और किसी सतह पर बैठ जाते हैं क्योंकि ठोस सतह पर ये ज्यादा देर तक रह पाते हैं. इस नतीजे के बाद माना जा रहा है कि अगर खिड़कियां खुली होतीं ताकि हवा बाहर आ-जा सके, तो संक्रमण टाला जा सकता था.


वहीं भारत में डॉक्टरों का कहना है की एसी से कोरोना फैलने की बात सही हो सकती है क्योंकि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति उस कमरे में आता है और अगर वहां उसके खास्ता या छिंक्ता है तो उसके ड्रॉपलेट वहां गिर सकते हैं. वह कम तापमान की वजह से काफी देर तक रह सकते हैं. विंडो या स्प्लिट एसी में कोरोना के ग्रोथ के लिए जरूरी तापमान होता है.


फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर डी के गुप्ता के मुताबिक, "कोरोना वायरस को ग्रो करना है तो सिर्फ तापमान की जरूरत होती है. 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच में उसकी ग्रोथ अच्छी होती है. वहीं ह्यूमिडिटी 45 से 50 पर्सेंट होनी चाहिए. इस तापमान पर वायरस बहुत अच्छे से रह सकता है. मौजूदा वक्त में भारत में कई जगह पर तापमान बढ़ा है और ऐसे में जो जानकारी है उसके मुताबिक इस मौसम में कोरोना की ग्रोथ कम होती है, जब हम एसी चलाते हैं विंडो एसी हो स्प्लिट एसी हो किसी कमरे में चला रहे हैं वहां पर कोई संक्रमित व्यक्ति आता है या कोई ऐसा व्यक्ति जिसके पास ऐसा कोई सामान है फोन लैपटॉप इस तरह की चीज उस पर संक्रमण है तो तापमान ज्यादा होने पर खत्म हो जाएगा लेकिन टेंपरेचर अगर कम होता है तो उससे कोरोना वायरस को प्रमोट होगा. "


वहीं डॉ डी के गुप्ता के मुताबिक इससे सबसे ज्यादा वायरस फैलने का खतरा होता है. खास कर मॉल, हॉस्पिटल, मेट्रो जैसी जगहों पर होता है. उनके मुताबिक "कॉरपोरेट ऑफिस, अस्पताल और मॉल जहां पर सेंट्रल एयर कंडीशनिंग है वहां अगर कोई संक्रमण वाला व्यक्ति रहता है, वहां खांसता है तो उससे एयर हैंडलिंग यूनिट के जरिए संक्रमण एक कमरे से दूसरे कमरे में फैलने लगेगा. इसलिए यह कहा जाता है कि सेंट्रल एयर कंडीशनिंग में थोड़ा ध्यान रखना है.''


इंटरनल मेडिसिन की डॉक्टर स्वाति माहेश्वरी का भी ऐसा ही मानना है. उन्होंने बताया कि सेंट्रल एसी यूनिट में डक्टिंग के जरिए हवा अलग अलग कमरों ने जाती है. ऐसे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति वहां खांसता या छिंकता है तो वो वायरस हवा के लिए बने डक्टिंग के जरिए बाकी कमरों या जगहों पर फैल सकता है. जैसे मॉल, सिनेमा हॉल, मेट्रो इन सब में सेंट्रल एसी है तो यहां वो संक्रमण इसके जरिए बाकी लोग तक पहुंच सकता है."


वहीं सेंटरफॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की भी एक स्टडी में पाया गया है कि यह वायरस एसी से फैल सकता है. खासकर सेंट्रल एयर कंडीशनिंग यूनिट से. सीएसई की एक्सक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय चौधरी ने बताया है कि गर्मी में लोग सोच रहे है की वायरस खत्म हो जाएगा जिसका सबूत नहीं है लेकिन गर्मी में लोग एसी का इस्तेमाल करेंगे. घरों में वेंटिलेशन सही ना होने की वजह से वायरस उस एसी से ठंडे हुए माहौल में काफी देर तक रहेगा और संक्रमण फैला सकता है."


वहीं डॉक्टरों की सलाह है की कुछ दिनों तक आप एसी के इस्तेमाल को टाल दे. घर को हवादार रखने के लिए खिड़की दरवाजे खोल कर रखें. वहीं एसी इस्तेमाल करते है भी तो तापमान 25 डिग्री या उससे ज्यादा रखें. वहीं सेंट्रल एसी का इस्तेमाल टाल दें. डॉ डी के गुप्ता भी सलाह देते है की अभी कुछ दिनों तक सेंट्रल एसी अवॉइड करना चाहिए .फिलहाल डॉक्टरों की राय है की अगर आप सेंट्रल एसी यूनिट इस्तेमाल करते है तो फिलहाल ना करें.